नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के लिए जो बुलडोज़र अभियान चलाया जा रहा है, उसके खिलाफ दायर CPIM पार्टी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए यह भी पूछा कि इस मामले में पीड़ितों की जगह राजनीतिक दलों ने क्यों अदालत का रुख किया है.
दक्षिण एमसीडी में अतिक्रमण हटाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि CPIM पार्टी इस मामले में याचिका क्यों दायर कर रही है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई पीड़ित पक्ष अपनी गुहार लेकर उनके पास आता तो समझ भी आता लेकिन राजनीतिक दलों को इसमें क्या दिलचस्पी है. क्या कोई पीड़ित नहीं है?
इसपर सीनियर वकील पी सुरेंद्रनाथ ने कहा कि रेहड़ीवालों ने भी याचिका दायर की है. आगे जस्टिस राव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले उन्हें हाईकोर्ट जाना चाहिए था. वहीं यह भी कहा गया कि अगर रेहड़ी वाले भी अतिक्रमण करेंगे तो उनपर भी बुलडोज़र कार्रवाई की जाएगी.
कोर्ट ने कहा कि जहांगीरपुरी वाले मामले में इसलिए दखलअंदाज़ी की गई क्योंकि इमारतों को गिराया जा रहा था. रेहड़ी पटरी वाले सड़क पर सामान बेचते हैं, अगर किसी की दूकान हटाई गई है या उन्हें कोई नुकसान पहुंचा है, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के पास आना चाहिए था.
बता दें कि दिल्ली नगर निगम का राजधानी के कई इलाकों में बुलडोजर चलाने की योजना थी. जिसमें आज यानि 9 मई को सबसे पहले शाहीन बाग के जी ब्लॉक से जसोला और फिर उसके बाद जसोला नाले से कालिंदी कुंज पार्क तक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलना था.
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