नई दिल्ली, BSP’s organisational revamp उत्तरप्रदेश में कभी अकेले अपने दम पर सत्ता हासिल करने वाली पार्टी बसपा को इस बार विधानसभा चुनावों में मुंह की खानी पड़ी. जहां पिछले 10 साल में पार्टी इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है. लेकिन एक बार फिर पार्टी खुद को मज़बूत बनाने में जुट गयी है.
बसपा की खराब स्थिति तो यूपी के विधानसभा चुनावों ने बता ही दिए. कई दिग्गजों ने इस समय में पार्टी का दामन त्याग दिया है. जिसके बाद अब पार्टी खुद को एक बार फिर मजबूत बनाने के काम में लग गयी है. इसी सिलसिले में पार्टी को ताकत देने के लिए मायावती ने बड़ा प्लान बनाया है. जहां मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल कोआर्डिनेटर का पद दे दिया है. इतना ही नहीं पार्टी ने बड़ी रणनीति भी निर्धारित करनी शुरू कर दी है.
बसपा की बैठक में मायावती ने कहा, ये समय हताश होने का बिलकुल भी नहीं है बल्कि संघर्ष करने का है. भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए ,मुसलमानों ने सपा का साथ दिया लेकिन वह विफल रहे. अब मुसलमान भी ये समझ चुके है कि भाजपा को केवल बसपा ही हरा सकती है. इसलिए अब मुसलमानों को अकेला छोड़ने के बजाय साथ लेकर चलने का समय आ गया है.
-मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल कोआर्डिनेटर बना दिया है. मसलन अब पार्टी को युवा हाथों में सौपने की कवायद शुरू की चुकी है.
-मुनकाद अली, राजकुमार गौतम और डॉ. विजय प्रताप को नए प्रभारी का पद सौपा गया है जो आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे.
-इकाइयों को भंग कर प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों के अलावा बाकी सभी को पद से हटा दिया गया है.
-बसपा का दमन छोड़ने वाले शाह आलम उर्फ गुड्डू को वापस पार्टी में शामिल कर लिया गए है. साथ ही उन्हें आजमगढ़ से उन्हें लोकसभा उप-चुनाव का प्रत्याशी बना दिया गया है.
-संगठन के हारे गए उम्मीदवारों से रिपोर्ट मांगी गयी है.
रविवार को बसपा सुप्रीमों द्वारा पार्टी की समीक्षा की. बैठक में शामिल पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी की मौजूदा हालत पर कहा, पार्टी का अब इससे ज़्यादा नुक्सान नहीं हो सकता. पार्टी और बहनजी पर विश्वास रखे वालों के लिए अब अच्छा ही होगा. 38 साल में पहले बार है जब पार्टी के स्वरुप को बदलने की तैयारी की जा रही है.
1. दलित-मुस्लिम गठजोड़ को नए सिरे से मजबूत बनाया जाएगा और ब्राह्मणों पर कम फोकस किया जाएगा.
2.युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी सौपी जाएगी. बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद मोर्चे को संभालेंगे.
3. यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में सर्वे करवाया जाएगा. सर्वे द्वारा बसपा से छिटके कोर वोटर्स से संपर्क होगा और उनकी सलाह ली जाएगी.
4. मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरकर करेंगे संघर्ष
5. वरिष्ठ नेताओं और युवाओं में तालमेल बनाने का स्वयं मायावती करेंगी प्रयास
6. आकाश आनंद को दी गई जिम्मेदारी, नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी करेंगे दूर
7. छात्र, कर्मचारी, वकीलों का अलग वर्ग
8. युवाओं को सोशल मीडिया की कमान, ताकि पार्टी के खिलाफ चल रहे ट्रेंडिंग व खबरों को मजबूती से काउंटर किया जा सके.
9. हर महीने जिले स्तर और दो महीने में जोन व मंडल स्तर पर बैठकें आयोजित करवाई जाएंगी. इसकी रिपोर्ट सीधे नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद को जाएगी.
10. मायावती और आकाश आनंद हर तीन से पांच महीने में सभी जिले और जोन की समीक्षा करेंगे
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