लखनऊ। बीते दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मस्जिद और मदरसों के दौरों के चलते सियासी खलबली मची हुई है. इस दौरान अखिल भारतीय इमाम संस्था के प्रमुख इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपिता कह दिया था, बस तभी से सियासत गरमाई हुई है. अब इसपर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार […]
लखनऊ। बीते दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मस्जिद और मदरसों के दौरों के चलते सियासी खलबली मची हुई है. इस दौरान अखिल भारतीय इमाम संस्था के प्रमुख इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपिता कह दिया था, बस तभी से सियासत गरमाई हुई है. अब इसपर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार पर निशाना साधा. मायावती ने इस संबंध में ट्वीट कर लिखा कि खुली जगह में नमाज पढ़ना तो योगी सरकार को सहन नहीं हो रहा तो फिर भागवत को राष्ट्रपिता कहने से क्या बदल जाएगा.
बसपा मुखिया मायावती ने मोहन भागवत के राष्ट्रपिता कहे जाने पर ट्वीट करते हुए लिखा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कल मस्जिद/मदरसे में जाकर उलेमाओं से मुलाकात की, इसके बाद उन्हें राष्ट्रपिता भी कहा गया. अब क्या इससे भाजपा के मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद-मदरसों के प्रति नकारात्मक रुख व बर्ताव में बदलाव आएगा. वहीं, एक अन्य ट्वीट ने मायावती ने लिखा, योगी सरकार को मुस्लिमों का खुले में नमाज़ पढ़ना हो सहन होता नहीं है, वहीं, वो सरकारी मदसरों की उपेक्षा करने के बाद अब निजी मदरसों हस्तक्षेप पर भी उतारू हैं, तो फिर राष्ट्रपिता कहा जाता सरकार को कैसे सहन होगा.
दरअसल, बीते दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत को ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि बताया था. गुरुवार को भागवत मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित एक मस्जिद का दौरा करने पहुंचे थे, वहीं इलियासी ने भी उन्हें निमंत्रण दिया था ऐसे में वो उनसे मिलने मदरसे पहुंचे थे. इस दौरान इलियासी ने उन्हें राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि कह दिया था.
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