लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी की “भारत जोड़ो यात्रा” का आज तीसरा दिन है. इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बुधवार को राहुल गाँधी पर जमकर हमला बोला। जहाँ तक राहुल गाँधी की टी- शर्ट की बात है, उन्होंने कहा कि हम इसकी तहक़ीकात कर रहे हैं। उन्होंने कहा […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी की “भारत जोड़ो यात्रा” का आज तीसरा दिन है. इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बुधवार को राहुल गाँधी पर जमकर हमला बोला। जहाँ तक राहुल गाँधी की टी- शर्ट की बात है, उन्होंने कहा कि हम इसकी तहक़ीकात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कौन से जीवाणु से आख़िर उन्हें ठंड नहीं लगती। उधर, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को भी कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि भारत को तोड़ने वाले जिम्मेदार हैं, जिनकी नीतियों ने समाज को बर्बाद कर दिया है, जिन्होंने जातिवाद, परिवारवाद, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद, आतंकवाद को जन्म दिया है. .. इन्होंने नक्सलवाद को बढ़ावा दिया, आज इन्होंने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है.
दरअसल, राहुल गाँधी का इतनी ठंड के मौसम में महज़ एक टी-शर्ट में सफ़र जारी रखना लगातार मुद्दा बना हुआ है. राहुल गाँधी से जब पूछा गया कि उन्हें ठंड नहीं लगती तो उन्होंने कहा कि उन्हें ठंड इसलिए नहीं लगती, क्योंकि उन्हें ठंड से खौफ़ नहीं लगता. वहीं जब प्रियंका गाँधी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी कहा कि ”उनके भाई ने सच्चाई की ढाल पहनी हुई है… ऊपरवाला उन्हें महफूज़ रखेगा।”
उधर, राहुल गाँधी ने बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सर्दियों में टी-शर्ट पहनने पर कहा कि मीडिया उनके कपड़े तो दिखाता है, लेकिन फटे-पुराने कपड़े पहनने वाले गरीब किसानों और मजदूरों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का मक़सद आम आदमी के मन से डर और खौफ़ को दूर करना और युवाओं में महँगाई और बेरोजगारी की बेदारी देना और उनका ध्यान खींचना है. राहुल ने कहा कि 110 दिनों में 3000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बावजूद उन्हें टी-शर्ट में थकान या ठंड महसूस नहीं हुई.
बता दें कि कुछ दिन पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गाँधी से भी पूछा गया था कि क्या उन्हें ठंड नहीं लगती है. इस बारे में राहुल गाँधी ने उन लोगों की बदहाली पर रौशनी डाली जो गर्म कपड़े नहीं खरीद सकते. वो गरीब जो गर्म कपड़ों के मोहताज़ है. उन्होंने कहा, “मैं जानना चाहता हूं कि देश में किसानों और गरीबों से यह क्यों नहीं पूछा जाता कि उन्हें सर्दी लगती है या नहीं?”