रोहतक. कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस पार्टी ने खुद को अलग कर लिया है. पार्टी की तरफ से रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दो पन्नों का जवाब ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी जाति, धर्म और पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करती है. साथ ही साथ इस लेटर में कहा गया है कि पार्टी सैम पित्रोदा के बयान से सहमति नहीं रखती और पार्टी नेताओं को सलाह दी जाती है कि वो अपने बयान जिम्मेदारी से गंभीरता से दें. खुद सैम पित्रोदा ने भी ने भी हिन्दी ना आने की आड़ लेकर गलती मानी और खेद जताया है.
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा कि सैम पित्रोदा ने जो कहा वह अनुचित है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. मेरा मानना है कि 1984 एक अनावश्यक त्रासदी थी जिससे असीम पीड़ा हुई. न्याय होना चाहिए और जो लोग 1984 की त्रासदी के लिए दोषी थे, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए. राहुल ने फेसबुक पोस्ट में आगे कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माफी मांगी है. मेरी मां सोनिया गांधी ने माफी मांगी है. हमने हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट की है कि 1984 में एक भयावह त्रासदी हुई थी और ऐसे दंगे कभी नहीं होने चाहिए’ उन्होंने आगे कहा, ‘सैम पित्रोदा ने जो कहा है कि वह पूर्ण रूप से अनुचित है और इसे सराहा नहीं जा सकता है. मैं उनसे सीधे कहूंगा कि उन्हें अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए.’
1984 के सिख विरोधी दंगों पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जमकर हमला किया. उन्होंने हरियाणा के रोहतक में एक जनसभा के दौरान कहा, सैम पित्रोदा के ये शब्द कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाते हैं, उन्होंने सालों तक ऐसा किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजीव गांधी ने कहा था जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. यहां तक कि उन्होंने कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बना दिया, अब उन्हें एमपी का सीएम बना दिया गया. इसलिए इसे किसी एक व्यक्ति की टिप्पणी के रूप में ना लें.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने इस बयान के जरिए कहा है कि सैम पित्रोदा द्वारा की गई टिप्पणी उनके अकेले की नहीं बल्कि कांग्रेस की है. उन्होंने इसे कांग्रेस की मानसिकता दर्शाने का कारण बताया है. इसके अलावा 1984 के सिख विरोधी दंगों पर सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, यह कांग्रेस का अहंकार है जो उन्हें केवल 44 सीटें मिली और अब भारत के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि वो और फिसल जाएं. इससे पीएम नरेंद्र मोदी ने ये कहना चाहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को 44 से भी कम सीटें मिलेंगी.
बता दें कि सैम पित्रोदा ने गुरुवार को 1984 सिख विरोधी दंगों पर विवादित बयान दिया. सैम पित्रोदा ने अपने बयान में नरेंद्र मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था कि 1984 दंगों में जो हुआ सो हुआ, लेकिन मोदी सरकार को बताना चाहिए कि उसने पांच सालों में क्या काम किए हैं. सैम पित्रोदा के इसी बयान के बाद विवाद छिड़ गया. सोशल मीडिया पर लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. विवाद बढ़ता देख सैम पित्रोदा ने शुक्रवार को स्वर्ण मंदिर की तस्वीर ट्वीट करके बात संभालने की कोशिश की लेकिन फिर भी मामला शांत नहीं हुआ.
वहीं दिल्ली में बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 12 तुलगक लेन स्थित निवास पर प्रदर्शन किया. इसके अलावा कई भाजपा नेताओं ने सैम पित्रोदा से माफी की मांग की है. सोशल मीडिया ट्विटर पर बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, इसमें लिखा था, देश के सबसे बड़े नरसंहार की जांच करने वाले नानावटी कमीशन की जांच में आधिकारिक रिकॉर्ड है कि सरकार ने अपने ही लोगों की हत्या की थी जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यालय से सीधा निर्दश था. देश को आज भी इस कर्म के न्याय का इंतजार है.
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