नई दिल्ली. ऑड-ईवन स्कीम लागू होने के एक दिन पहले ही भाजपा सांसद विजय गोयल ने रविवार को कहा कि वह नियम का उल्लंघन करेंगे और आरोप लगाया कि यह केजरीवाल सरकार का चुनावी स्टंट है. विजय गोयल ने कहा, केजरीवाल सरकार की ऑड-ईवन स्कीम का मेरा उल्लंघन प्रतीकात्मक होगा क्योंकि यह विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी स्टंट और ड्रामा है. राज्यसभा सदस्य ने अप्रैल 2016 में केजरीवाल सरकार द्वारा इस योजना को लागू किए जाने पर भी नियम को तोड़ दिया था और 2000 रुपये का जुर्माना भरा था. विजय गोयल ने कहा, वोट बैंक की राजनीति ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तर्कसंगतता को धुंधला कर दिया है. उन्होंने कहा, 70 लाख दोपहिया, कैब एग्रीगेटर्स ओला और उबर, तिपहिया और महिला ड्राइवरों को छूट के साथ, ऑड-ईवन स्कीम को महज नौटंकी और चुनावी स्टंट है.
अरविंद केजरीवाल सहित आमआदमी पार्टी के नेता शहर में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर के पीछे फसल अवशेषों को जलाने का मुख्य कारण बता रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में कहा था कि विजय गोयल जैसे भाजपा नेता शहर में वायु प्रदूषण की समस्याओं की गंभीरता का एहसास नहीं कर रहे थे. आप और बीजेपी दिल्ली में प्रदूषण संकट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के खेल में लगे हुए हैं. विजय गोयल ने पूछा यदि प्रदूषण फैलाने के लिए केवल पराली जलाना जिम्मेदार है, तो केजरीवाल सरकार एक ऑड-इवन योजना क्यों लागू कर रही है? उन्होंने कहा, केजरीवाल ने कभी भी वाहनों और अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण के बारे में कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है. विजय गोयल ने दावा किया कि कई पर्यावरण विशेषज्ञ ऑड-ईवन योजना के खिलाफ थे और कहा कि यह सार्वजनिक व्यय का एक बेकार हिस्सा था. ऑड-ईवन योजना सोमवार को सुबह 8 बजे से शुरू होगी.
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मंत्री सुनील भराला ने रविवार को भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए एक पारंपरिक ‘यज्ञ’ का सुझाव दिया, जिससे प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने में मदद मिल सकेगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने भी पराली जलाने को एक प्राकृतिक प्रणाली बताया और किसानों की इस तरह होने वाली आलोचना पर अफसोस जताया. बढ़ते वायु प्रदूषण पर भारला ने कहा कि अधिकांश फसलें मलबे को पीछे छोड़ देती हैं और इसके जलने का अभ्यास हमेशा किसानों द्वारा किया गया है. उन्होंने दोहराया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और किसानों पर हमला है. इसके बाद यूपी के मंत्री ने सुझाव दिया कि, सरकारों को पारंपरिक रूप से किए गए भगवान इंद्र (बारिश के देवता) को खुश करने के लिए एक ‘यज्ञ’ आयोजित करना चाहिए. वह (भगवान इंद्र) चीजों को सही करेंगे.
नासा द्वारा दी जानकारी के मुताबिक पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही है. नीचे दी गई फोटो में लाल निशान बता रहे हैं कि पराली कहां जल रही है.
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