BJP MP Nishikant Dubey on GDP Downfall: नरेंद्र मोदी सरकार में जीडीपी विकास दर में लगातार गिरावट है. विपक्षी दल लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं. इस बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे कह रहे हैं कि जीडीपी को रामायण और महाभारत या बाइबल मान लेना सत्य नहीं.
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार लगातार जीडीपी को गिरने से रोकने में नाकाम साबित हो रही है. इसका सबूत है सामने आ रहे आकंड़ें. देश की जीडीपी पिछले 10 सालों में अपने सबसे खराब स्तर पर पहुंचकर 4.5 पहुंच गई है. वैसे तो ये काफी गंभीर मुद्दा है इसलिए सरकार का पक्ष भी गंभीर होना चाहिए लेकिन ऐसा नजर नहीं आता है. लोकसभा में जीडीपी की गिरती हालत को ठीक करने के रास्ते बताने के बजाय बीजेपी के सांसद उसकी तुलना पवित्र ग्रंथों से करने लगते हैं.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे लोकसभा में जीडीपी को लेकर कहते हैं कि ये शब्द तो साल 1934 में आई. इससे पहले कोई जीडीपी नहीं थी. जीडीपी को रामायण, महाभारत या बाइबल मान लेना सत्य नहीं है और आने वाले दिनों में जीडीपी को बहुत इस्तेमाल नहीं होगा. सांसद जी ने आगे कहा कि जीडीपी से ज्यादा जरूरी है आम आदमी का स्थायी कल्याण होना, जो हो रहा है.
चौंकिए मत, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पहले नेता नहीं है जिन्होंने जीडीपी या देश की आर्थिक हालत में कुछ भी बयान दिया है. इससे पहले कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि देश में फिल्में अच्छा कारोबार कर रही हैं और कहा जा रहा है कि मंदी चल रही है. कहां है मंदी. वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आइंस्टीन का हवाला देते हुए आर्थिक मंदी से जुड़े आकंड़ों को ही गलत ठहरा दिया.
Nishikant Dubey, BJP MP in Lok Sabha: Aaj ki nai theory hai ki sustainable economic welfare aam aadmi ka ho raha hai ke nahi ho raha. GDP se zyada important hai ke sustainable development, happiness ho raha hai ke nahi ho raha. https://t.co/GE0LNeyLO6
— ANI (@ANI) December 2, 2019
जीडीपी की हालात बेहद खराब, 10 सालों में सबसे निचले स्तर पर
नरेंद्र मोदी सरकार के सांसद कुछ भी दावा करें लेकिन आंकड़ों की मानें तो देश में जीडीपी की हालत बेहद खराब है. चालू वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही( जुलाई- सितंबर) में जीडीपी गिरकर 4.5 स्तर पर पहुंच चुकी है. यह आकंड़ा पिछले 26 तिमाही में सबसे कम माना जा रहा है. वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5 फीसदी थी. जबकि पिछले साल जीडीपी 7 फीसदी तक दर्ज की गई थी.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा जीडीपी में गिरावट चिंताजनक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री ने गिरती जीडीपी के आंकड़ें पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालात काफी चिंताजनक है. पूर्व पीएम कहा कि इस तिमाही के जारी आंकड़ें पूरी तरह अस्वीकार्य है. पूर्व प्रधानमंत्री के अनुसार, भारत की आकांक्षा 8 से 9 फीसदी दर से विकास की है. पहली तिमाही में 5 से दूसरी तिमाही तक जीडीपी का आंकड़ा 4.5 हो जाना काफी तेज गिरावट है. आर्थिक नीतियों में थोड़े बदलावों से आर्थिक हालात ठीक नहीं होगी.