पांच बार बीजेपी सांसद रहे विनय कटियार को इस बार पार्टी ने राज्यसभा टिकट नहीं दिया वहीं उनकी जगह पर उनके जूनियर नेताओं को मैदान में उतारा है. टिकट कटने को लेकर कटियार के करीबियों का कहना है कि राम मंदिर को लेकर पीएम पर दबाव बनाने और आडवाणी का समर्थन करने के चलते पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
नई दिल्लीः अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अलख जगाने में अहम योगदान देने वाले और पांच बार सांसद रहे बीजेपी नेता विनय कटियार का पार्टी ने इस बार टिकट काट दिया. 1984 में दो लोकसभा सीटों से 1989 में बीजेपी को 85 सीट तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले कटियार की जगह पार्टी ने उनसे जूनियर नेताओं को टिकट दिया है. कटियार को टिकटट ने दिए जाने पर उनके करीबियों का कहना है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पीएम मोदी पर दबाव बनाने और आडवाणी को समर्थन करने की कीमत उन्हें चुकानी पड़ी.
बता दें कि इस बार बीजेपी ने जिन आठ नेताओं को राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा है वे जब कटियार से जूनियर है. जिनमें अरुण जेटली, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव, अशोक बाजपेयी के नाम शामिल हैं. हालांकि जेटली राष्ट्रीय पर प्रसिद्ध हैं जबकि अशोक बाजपेयी सपा छोड़कर भाजपा में आए हैं.
गौरतलब है कि विनय कटियार 2006 से राज्यसभा सदस्य हैं. दो अप्रैल को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है. इससे पहले वह तीन बार फैजाबाद से तीन बार सांसद रह चुके हैं. लेकिन इस बार पार्टी ने उनका पत्ता साफ कर दिया है. उनके टिकट काटे जाने को लेकर पार्टी में अलग-अलग चर्चाएं हैं. माना जा रहा है कि मामलों में मुखर होने के कारण उन्हें बीजेपी का वर्तमान शीर्ष नेतृत्व पसंद नहीं करते.
यह भी पढ़ें-जानिए राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की पूरी कहानी जिसने ले ली कई जाने