देश-प्रदेश

Bihar Rains Flood: जल प्रलय में डूब गया बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सुशासन!

नई दिल्ली. बिहार की राजधानी पटना में जल प्रलय की तबाही उसी कहानी को दोहरा रही है जो पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर और महाकाल की नगरी उज्जैन में घटित हो चुकी है. किसी ने नहीं सोचा होगा कि पटना में जल प्रलय की तबाही इस रूप में सामने आएगी. बिहार के कई इलाकों में बाढ़ और पटना में भारी बारिश के बाद जो तबाही आई इसमें बहुतों की जान जा चुकी है. बहुत सारे लोग लापता भी हैं. जन और धन दोनों की भारी क्षति हुई है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी तक को एनडीआरएफ की टीम से गुहार लगानी पड़ी कि मुझे मेरे घर से निकालकर बचा लो. कश्मीर में बाढ़ की विभीषिका और उज्जैन में जल प्रलय की कहानी पर भी तब बहुत कुछ लिखा गया था. आज पटना में जल प्रलय पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेकर ‘जल प्रलय में डूब गया सुशासन’तक लिखा जा रहा है. निश्चित रूप से राज्य का मुखिया जो सुशासन बाबू के रूप में मशहूर हो और उनकी नाक के नीचे जल प्रलय का यह आलम हो तो लोगों का गुस्सा तो फूटेगा ही.

नीतीश कुमार का कहना है कि कुदरत का प्रकोप है. इससे कोई कितना बच पाएगा. सही बात है. कुदरत के जोर के आगे किसी का वश नहीं होता लेकिन पटना शहर की जो भौगोलिक स्थिति है उसमें प्रशासन या सरकारी अमला को जल प्रलय जैसी परिस्थितियों से निपटने की एक सशक्त योजना तो होनी ही चाहिए थी.

कहते हैं कि इंसान अपनी गलतियों से सीखता है. सभ्यता का इतना सारा विकास हो चुका है, इंसान चांद पर जाने की तैयारी कर रहा है, बावजूद इसके इंसान अभी भी सीखने के ही दौर में है. बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से जल प्रलय पर नियंत्रण का एक प्रयोग मनुष्य ने पिछले सदी में किया था लेकिन वक्त ने इस बात को साबित किया कि वह प्रयोग न सिर्फ अधूरा था, बल्कि उसके कई दुष्परिणाम भी सामने आए.

खासतौर पर प्रकृति के लिए कई विनाशकारी नतीजे सामने आए. और इस तरह से प्रकृति पर विजय पाने की महत्वाकांक्षा और उसके लिए बनाई नीतियों पर सवाल उठने लगे. जो उपाय और तरीके पिछली सदी में प्रचलन में आए, आज वो सब सवालों के घेरे में हैं. इसलिए अब वैकल्पिक तरीकों और उपायों पर सोचा जा रहा है. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जिनके हाथ में सत्ता और प्रयोग के संसाधन हैं वो अभी तक जागे नहीं हैं.

बिहार की बात करें तो यहां पटना में जल प्रलय की जो परिस्थिति आज सामने आई है वह मानव जनित है. इसमें कोई दो राय नहीं कि कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, लेकिन अगर पानी निकासी की पुख्ता व्यवस्था होती तो इस तरह के हालातों का सामना नहीं करना पड़ता. पटना के बारे में कहा जाता है कि उसकी भौगोलिक स्थिति चाय की प्लेट जैसी है. शहर का किनारा ऊंचा और बीच का इलाका आनुपातिक रूप से नीचा है. ऐसे में पानी निकासी का दो ही जरिया हो सकता है. एक टाउन प्लानिंग के हिसाब से ड्रेनेज सिस्टम का विकास और दूसरा पंपिंग सिस्टम के तहत पानी के जमाव को बाहर निकालना.

पटना में हाल के वर्षों में जिस तरह से अनाप-शनाप विकास की जो आंधी चली है उसने शहर के ड्रेनेज सिस्टम को तहस-नहस कर दिया है. जल प्रलय की यह एक बड़ी वजह रही है. हालांकि पटना ऐसा कोई इकलौता शहर नहीं है जहां इस तरह के हालात हैं. आज अगर दिल्ली में लगातार 24 घंटे बारिश हो जाए तो शायद यहां पटना से भी ज्यादा खराब हालत हो जाएगी.

भारी बारिश से जल प्रलय के बाद अब हम बाढ़ जनित जल प्रलय की बात करते हैं. आंकड़े इस बात को पुख्ता तौर पर साबित करते हैं कि बाढ़ पर काबू पाने के तमाम उपायों के बावजूद भारत में बाढ़ प्रभावित इलाके और बाढ़ से होने वाले नुकसान दोनों में ही बढ़ोतरी हुई है. बाढ़ आज देश, खासकर उत्तर बिहार में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली प्राकृतिक आपदा है. इसलिए अब बाढ़ को नियंत्रित करने के उपायों पर सोच बदलने की महती आवश्यकता है.

विशेषज्ञ अब नदियों के स्वभाव समझने और उसके मुताबिक भूमि एवं जल प्रबंधन के उपाय करने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं. लेकिन मौजूदा राजनीतिक माहौल में यह कितना संभव है यह देखना होगा. चूंकि तटबंधों के जरिए बाढ़ रोकने की कोशिश दुनिया भर में नाकाम हो चुकी है इसलिए अब इसके वैकल्पिक तरीके विकसित करने के प्रयास पर जोर होना चाहिए और इसमें सरकार की इच्छाशक्ति काफी अहम होगी.

बांग्लादेश में छोटी सिंचाई योजनाओं के जरिए हुई ऐसी कोशिश को काफी सफल बताया जा रहा है. गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग ने उत्तर बिहार के बागमती बेसिन के सिलसिले में भी ऐसे ही कुछ उपाय सुझाए हैं. इनमें नदी के ऊपरी बहाव इलाके में मौजूद बेलवा गांव में छोटा बांध बनाना शामिल है. साथ ही जल मार्ग में सुधार, वाटरशेड मैनेजमेंट, भूमिगत जलाशय बनाने जैसे उपायों के भी सुझाव दिए गए हैं. अभी ये सारे उपाय विचार के स्तर पर ही हैं इसलिए इनसे निकट भविष्य में लोगों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती.

CM Nitish Kumar Failed Bihar: बारिश और बाढ़ में डूब रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आंखों में पानी कब आएगा? गंगा बगल में लेकिन पटना में बारिश से आई बाढ़

Bihar Patna Rains Latest Photos Videos: बिहार में बाढ़ ने मचाया कोहराम, 40 लोगों ने गंवाई जान, एनडीआरएफ की 22 टीमें तैनात, फोटो वीडियो में देखें तबाही का मंजर

Aanchal Pandey

Recent Posts

स्कैम को रोकने के लिए उठाए कदम, 1 दिसंबर से लागू होगा ये नियम

इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर स्कैम और ऑनलाइन फ्रॉड के खतरे…

50 minutes ago

Meta ने 2 मिलियन से ज्यादा अकाउंट्स किए बंद, जानें क्या है Pig Butchering

Meta ने दो मिलियन से अधिक अकाउंट्स को बंद कर दिया है। इनमें Pig Butchering…

1 hour ago

प्रीति जिंटा का इस खिलाड़ी पर आया दिल, 18 करोड़ रुपए किए खर्च, नाम जानकर दंग रह जाएंगे

ऑक्शन के दौरान प्रीति जिंटा ने एक बूढ़े खिलाड़ी को अपने टीम का हिस्सा बना…

1 hour ago

Kalki 2898 सीक्वल: दीपिका पादुकोण के किरदार से उठा पर्दा, जानें आगे क्या होगी कहानी

साल 2026 में डायस्टोपियन फिल्म कल्कि 2898 एडी' का सीक्वल रिलीज होगा। फिल्म के पहले…

2 hours ago

सामंथा प्रभु ने शाहरुख खान के साथ काम करने से किया इंकार, नयनतारा ने मारी बाज़ी

सामंथा रुथ प्रभु को जवान फिल्म में पुलिस ऑफिसर का किरदार ऑफर किया गया था।…

2 hours ago

महिला के साथ जंगल में 11 दिन तक हुआ कुछ ऐसा… बाल-बाल बची जान, पढ़कर उड़ जाएंगे होश

साइबेरिया के इरकुत्स्क प्रांत के अलेक्सेव्स्क गांव की रहने वाली गैलिना इवानोवा ने अपनी जिंदगी…

3 hours ago