पटना: बिहार और नीतीश कुमार की सरकार के लिए 12 फरवरी 2024 का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन एनडीए सरकार का सदन में फ्लोर टेस्ट होना है। इस दिन अगर नीतीश कुमार की सरकार को बहुमत नहीं मिला तो एक बार फिर से बिहार में सियासी भूचाल आ सकता है। हालांकि आंकड़ों के मुताबिक, […]
पटना: बिहार और नीतीश कुमार की सरकार के लिए 12 फरवरी 2024 का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन एनडीए सरकार का सदन में फ्लोर टेस्ट होना है। इस दिन अगर नीतीश कुमार की सरकार को बहुमत नहीं मिला तो एक बार फिर से बिहार में सियासी भूचाल आ सकता है। हालांकि आंकड़ों के मुताबिक, नीतीश कुमार की सरकार विश्वास मत हासिल कर लेगी लेकिन आरजेडी नेताओं के बयान से खेला होने की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि बिहार विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 122 है। नीतीश कुमार ने राज्यपाल को 128 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन का पत्र सौंपा था। वहीं महागठबंधन के पास फिलहाल 115 विधायक हैं। एक ओर एनडीए के पास बहुमत से केवल 6 विधायक अधिक हैं तो महागठबंधन के पास बहुमत से केवल 7 विधायक कम हैं। यहां सारा खेल इन्हीं 6 और सात विधायकों के बीच का है। इसे शनिवार को राजधानी पटना में हुई कुछ सियासी घटनाक्रमों ने और भी बल दिया।
शनिवार को पटना में आरजेडी ने अपने सभी विधायकों को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास 5 देश रत्न पर रोक लिया है। बता दें कि अब सोमवार 12 फरवरी तक ये सभी विधायक यहीं पर रहेंगे। शनिवार को तेजस्वी के आवास पर विधायकों की तीन घंटे तक बैठक चली। इसके बाद सभी विधायकों के आवास से उनके कपड़े सहित बाकी का जरुरी सामान मंगवा लिया गया।
वहीं इसी बीच बलरामपुर से माले विधायक महबूब आलम तथा सीवान के दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम जीतन राम मांझी से मिले। ऐसा माना जा रहा है कि लालू प्रसाद ने मांझी को मनाने के लिए माले विधायक को भेजा था। हालांकि दोनों विधायकों ने कहा कि ऐसी किसी भी बातचीत में हम लोग शामिल नहीं हैं। हम लोगों की ये व्यक्तिगत मुलाकात थी।
पार्टी विधानमंडल दल के उप नेता तथा उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा (Vijay Sinha) के एक पोलो रोड आवास पर आज शाम बीजेपी के विधायक एवं विधान पार्षदों की बैठक बुलाई है। बता दें कि बीजेपी विधानमंडल दल के नेता एवं उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) की अध्यक्षता में विधानमंडल दल की मीटिंग होगी।