पटना: इस समय बिहार की सियासत कुशवाहा के इस्तीफा देने और अपनी नई पार्टी शुरू करने से काफी हिचकोले खा रही है. लेकिन एक बार फिर नीतीश कुमार बीच मझधार में फंसे नज़र आ रहे हैं. दरअसल कयास लगाए जा रहे हैं कि एक और नेता नीतीश कुमार की कमान में चल रही महागठबंधन की […]
पटना: इस समय बिहार की सियासत कुशवाहा के इस्तीफा देने और अपनी नई पार्टी शुरू करने से काफी हिचकोले खा रही है. लेकिन एक बार फिर नीतीश कुमार बीच मझधार में फंसे नज़र आ रहे हैं. दरअसल कयास लगाए जा रहे हैं कि एक और नेता नीतीश कुमार की कमान में चल रही महागठबंधन की नौका से फरार हो सकता है.
बता दें, शनिवार(25 फरवरी) को पूर्णिया में महागठबंधन की महारैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बरसे. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि यदि हम लोग एकजुट हो गए तो भाजपा को 100 सीटों पर समेट सकते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश के इस भाषण के दौरान पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के पाला बदलने वाला उनका डर भी सामने आ गया. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर साजिश रचने का आरोप भी लगा दिया.
महारैली के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘अब मांझी जी पर लगा हुआ है, अब मांझी जी को इधर-उधर नहीं करना है. हमी लोग उनको आगे बढ़वा देंगे, सब करेंगे कभी कोई इधर-उधर नहीं करेगा. निश्चिंत रहिएगा सब लोग मिलकर आगे बढ़ेंगे.’ दरअसल नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को धोखा देने वाले BJP के आरोपों पर जवाब दिया. इस दौरान वह कहते हैं, ‘जरा मांझी जी को बताइये, हम उनको छोड़कर खुद बिहार का मुख्यमंत्री बने. बीच में बेचारे उनके साथ गए तो क्या किया, आपने जीतन राम मांझी का कुछ किया, आपके साथ भी थे तो भी कुछ बनवाए इनको.’
साल 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में सात दल एक हो गए हैं. इस दौरान कांग्रेस के फैसले का इंतज़ार किया जा रहा है. आगे नीतीश कुमार ने दावा किया कि यदि सभी दल एक हो जाएंगे तो हम भाजपा को महज 100 सीटों पर समेट देंगे. बता दें, हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा था. जहां एक रैली में शाह ने कहा था कि नीतीश कुमार कभी भी एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकेंगे. जनता पार्टी को तोड़ने वाले नीतीश कुमार, लालू यादव की जातिवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति से लड़ना चाहते थे.
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