पटना. बिहार में शराबबंदी और जहरीली शराब से मरने वालों पर लगातार राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. शराबबंदी के बाद भी राज्य बिहार में आलम ऐसा है कि जहरीली शराब पीने से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है. सारण जिले के मसरख से लेकर आसपास के तमाम इलाकों में कोहराम मचा हुआ […]
पटना. बिहार में शराबबंदी और जहरीली शराब से मरने वालों पर लगातार राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. शराबबंदी के बाद भी राज्य बिहार में आलम ऐसा है कि जहरीली शराब पीने से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है. सारण जिले के मसरख से लेकर आसपास के तमाम इलाकों में कोहराम मचा हुआ है. ऐसे में मृतक के परिजनों की तरफ से मुआवजे की मांग को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। बीते दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि, “पियोगे तो मरोगे”. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मरने वालों से उन्हें कोई हमदर्दी नहीं है. ऐसे में मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता. वहीं, अब तेजस्वी यादव ने भी इस मामले पर जवाब देते हुए भाजपा पर निशाना साधा. वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता सुशील मोदी ने एक बार फिर शराबकांड में मुआवज़े को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
भाजपा नेता सुशील मोदी ने एक बार फिर शराबकांड में मुआवज़े को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार को नसीहत दी है कि मृतकों के परिवार को मुआवज़ा दिया जाए, न की इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया जाए.
तेजस्वी यादव ने शराबबंदी को लेकर कहा कि आज भाजपा महागठबंधन को जिस शराबबंदी को लेकर घेर रही है, उसकी तो भाजपा पहले से ही पक्षधर थी. आज भाजपा शासित राज्यों में क्या हो रहा है, इसपर बीजेपी को ध्यान देना चाहिए. और अगर उन्हें शराबबंदी से इतनी ही दिक्कतें हैं तो खुलकर बोले.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही कहें कि मृतकों के परिवारों को मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री को याद दिलाती है कि गोपालगंज में 2018 में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद सरकार मुआवजा देने में कैसे सफल रही. उधर तो मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया गया था.
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