Advertisement

किसी को मिला पाला बदलने का इनाम तो किसी को सियासी विरासत, जेडीयू के 11 मंत्रियों को जानें

पटना, बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार का मंगलवार को विस्तार हो गया है. नीतीश की नई कैबिनेट में 31 नेताओं को राज्यपाल फागू चौहान ने मंत्री पद की शपथ दिलाई है, बिहार की नई सरकार में आरजेडी से 16, जेडीयू से 11, कांग्रेस से 2, हम से एक और एक निर्दलीय […]

Advertisement
किसी को मिला पाला बदलने का इनाम तो किसी को सियासी विरासत, जेडीयू के 11 मंत्रियों को जानें
  • August 16, 2022 3:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना, बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार का मंगलवार को विस्तार हो गया है. नीतीश की नई कैबिनेट में 31 नेताओं को राज्यपाल फागू चौहान ने मंत्री पद की शपथ दिलाई है, बिहार की नई सरकार में आरजेडी से 16, जेडीयू से 11, कांग्रेस से 2, हम से एक और एक निर्दलीय ने शपथ ली है. जेडीयू के कोटे से एक निर्दलीय विधायक को मंत्री बनाया गया, इस तरह नीतीश के हिस्से में कुल 12 मंत्री पद आए हैं, जबकि आरजेडी के खाते में 16 मंत्री पद आए हैं.

जेडीयू कोटे के 11 मंत्रियों को जानें

बिजेंद्र प्रसाद यादव

जेडीयू कोटे से बिजेंद्र प्रसाद यादव एक बार फिर मंत्री बने हैं, प्रसाद नीतीश सरकार में यादव चेहरा है. ये बिहार के कोसी क्षेत्र से आते हैं, जहां का यादव मतदाता काफी अहम भूमिका निभाता है. बता दें, सुपौल सीट से बिजेंद्र प्रसाद यादव ने लगातार आठवीं बार जीत दर्ज की है.

अशोक चौधरी

जेडीयू कोटे से अशोक चौधरी को नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपनी कैबिनेट में जगह दी है. चौधरी महादलित समुदाय से आते हैं और जेडीयू की दलित राजनीति के फॉर्मूले में फिट होते हैं. हालांकि, अशोक चौधरी एमएलसी भी हैं. अशोक चौधरी ने मार्च 2018 में कांग्रेस को अलविदा कहते हुए जेडीयू का दामन थामा था. अशोक चौधरी को नीतीश कुमार का करीबी और विस्वासू माना जाता है.

विजय चौधरी

जेडीयू कोटे से विजय चौधरी को नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, विजय चौधरी भूमिहार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. बिहार की राजनीति में भूमिहार बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं. विजय चौधरी नीतीश की अगुवाई वाली पिछली महागठबंधन सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी थे, लेकिन साल 2020 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अब वो फिर से महागठबंधन सरकार में मंत्री बने हैं.

लेसी सिंह

जेडीयू कोटे से लेसी सिंह एक बार फिर से मंत्री बनी हैं, इससे पहले नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में भी लेसी खाद्य-उपभोक्ता मंत्री पद का जिम्मा संभाल रही थीं. नीतीश कुमार के साथ लेसी सिंह समता पार्टी के जमाने से जुड़ी हुई हैं, लेसी सीमांचल से आती हैं और धमदाहा विधानसभा सीट से विधायक हैं. सिंह साल 2014 में आपदा प्रबंधन और समाज कल्याण मंत्री बनी थीं. पूर्णिया के सरसी में लेसी सिंह का जन्म 5 जनवरी 1974 को हुआ था, सिंह यादव समुदाय से आती हैं.

शीला मंडल

जेडीयू कोटे से शीला मंडल को भी मंत्री बनाया है, बिहार में अतिपिछड़ा समुदाय की धानुक जातीय से शीला मंडल ताल्लुक रखती हैं, धानुक वर्ग नीतीश का मजबूत वोटबैंक माना जाता है. मंडल मिथिलांचल के फुलपरास से जेडीयू की विधायक हैं, मंडल एनडीए सरकार में भी मंत्री थी.

श्रवण कुमार

जेडीयू कोटे से श्रवण कुमार एक बार फिर से मंत्री बने हैं, वो नीतीश कुमार की कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं. श्रवण कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से आते हैं. कुमार साल 1995 से लगातार नालंदा विधान सभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और जेडीयू के सियासी समीकरण के लिहाज से काफी फिट माने जाते हैं. श्रवण कुमार समता पार्टी के दौर से नीतीश के साथ हैं और और सीएम के काफी करीब हैं. ‘

सुनील कुमार

जेडीयू कोटे से सुनील कुमार को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. वह गोपालगंज जिले के भोरे सीट से जेडीयू के विधायक हैं, नीतीश कुमार ने सुनील कुमार को मंत्रिमंडल में जगह देकर दलित राजनीति को साधने का काम किया है. सुनील कुमार बिहार पुलिस के एडीजी रहे हैं और वो सेवानिवृत्ति के बाद 2020 में उन्होंने जेडीयू का दामन थामा था और पहली बार में विधायक बने और उसके बाद एनडीए सरकार में मंत्री रहे, जिसके बाद उन्हें दूसरी बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.

मदन सहनी

जेडीयू कोटे से मदन सहनी एक बार फिर मंत्री बने हैं, एनडीए सरकार में सहनी समाज कल्याण मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे थे. मदन सहनी दरभंगा जिले के बहादुरपुर विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने हैं, वो अतिपिछड़े समुदाय से आते हैं, जो जेडीयू का मजबूत वोटबैंक माना जाता है, इसीलिए उन्हें कैबिनेट में दोबारा जगह दी गई है.

संजय कुमार झा

नीतीश कुमार का दाहिना हाथ माने जाने वाले संजय कुमार झा एक बार फिर से मंत्री बने हैं. झा मिथिलांचल से आते हैं और ब्राह्मण समुदाय से हैं. एनडीए सरकार में संजय झा जलसंसाधन, सूचना और जनसंपर्क सहकारिता मंत्री थे, इनकी गिनती नीतीश कुमार के करीबियों में की जाती है.

मो. जमा खान

जेडीयू कोटे से जमा खान एक बार फिर से मंत्री बने हैं, जमा खान 2020 में कैमूर जिले की चैनपुर विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया था, जिसके बाद उन्हें अल्पसंख्यक मंत्री बनाया गया था. जमा खान बिहार के भोजपुर इलाके से आते हैं और जेडीयू में ये इकलौते मुस्लिम चेहरे हैं.

जयंत राज

जेडीयू कोटे से जयंत राज कुशवाहा को मंत्री बनाया गया है, ये बांका क्षेत्र से आते हैं. इससे पहले एनडीए सरकार में जयंत राज नीतीश कैबिनेट के सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे. उनकी उम्र सिर्फ 36 साल है, उनके पिता जनार्दन मांझी दो बार अमरपुर और एक बार बेलहर से विधायक रहे हैं.

 

 

 

Advertisement