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चाचा शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी, सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाली पार्टी ‘समाजवादी पार्टी’ ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा कर दी है. इसमें 42 लोगों को शामिल किया गया है जिसकी सूची रविवार को जारी की गई है. हाल ही में सपा में शामिल हुए शिवपाल यादव को भी इस सूची में […]

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चाचा शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी, सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान
  • January 29, 2023 4:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाली पार्टी ‘समाजवादी पार्टी’ ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा कर दी है. इसमें 42 लोगों को शामिल किया गया है जिसकी सूची रविवार को जारी की गई है. हाल ही में सपा में शामिल हुए शिवपाल यादव को भी इस सूची में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. दूसरी ओर पार्टी ने आजम खान और हाल ही में रामचरित मानस पर विवादित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को भी इस कार्यकारिणी में जगह दी है.

मैनपुरी की जीत का इनाम?

कहा जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को मैनपुरी में डिंपल यादव की बड़ी जीत हासिल कराने में साथ देने का तोहफा दिया गया है. गौरतलब है कि पिछले साल समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया था. जिसके बाद मुलायम सिंह यादव की लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी में उपचुनाव करवाए गए थे. उपचुनावों में भतीजे अखिलेश को चाचा शिवपाल का साथ मिला था. इसके बाद उपचुनावों में बतौर सपा प्रत्याशी खड़ी हुईं डिंपल यादव को रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत मिली थी. अब कहा जा रहा है कि पार्टी प्रमुख ने इसी जीत से प्रसन्न होकर चाचा को बड़ी जिम्मेदारी दी है.

चाचा भतीजे का रिश्ता

पार्टी की तरफ से शिवपाल यादव, आजम खान और स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. दूसरी ओर अखिलेश यादव एक बार फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेंगे. इसी कड़ी में किरनमय नन्दा राष्ट्रीय उपाध्य और रामगोपाल यादव को राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाया गया हैं.

बढ़ गई थी तकरार

गौरतलब है कि चाचा-भतीजों में सपा में वर्चस्व की जंग को लेकर रार बहुत बढ़ गई थी. इसके बाद शिवपाल यादव ने अलग होकर अपनी अलग पार्टी बना ली थी. हालांकि मुलायम सिंह के देहांत के बाद चाचा-भतीजे का ये रिश्ता मजबूत हुआ और कुनबा फिर एक हो गया. गिले-शिकवे भुलाकर शिवपाल यादव और अखिलेश यादव साथ आ चुके हैं. उन्होंने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय पहले ही सपा में कर चुके हैं. फिलहाल पार्टी साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में जुट गई है.

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