एक और रोहिंग्या: असम NRC पर बोला बांग्लादेश- भारत का आंतरिक मामला, छूटे नाम हमारे नागरिक नहीं

Another Rohingya: असम में जारी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी ड्राफ्ट) से 40 लाख लोगों की नागरिकता अवैध करार दी गई है. इतने लोग भारत के नागरिक नहीं हैं जो कि असम में लंबे समय से रह रहे थे. इनमें से अधिकांश लोगों को बांग्लादेशी कहा जाता है. इस मामले पर भारत में राजनीति गरम है वहीं बांग्लादेश बेफिक्र है. बांग्लादेश ने कहा है कि ये हमारे नागरिक होते तो भारत हमें सूचित करता. भारत की तरफ से हमें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है इसलिए हमारे यहां के नागरिक होने का सवाल ही नहीं उठता. ऐसे में क्या ये लोग रोहिंग्या बनकर रह जाएंगे? यह बड़ा सवाल बना हुआ है.

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एक और रोहिंग्या: असम NRC पर बोला बांग्लादेश- भारत का आंतरिक मामला, छूटे नाम हमारे नागरिक नहीं

Aanchal Pandey

  • July 31, 2018 11:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. असम में जारी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी ड्राफ्ट) से देशभर में राजनीतिक माहौल गर्म है. इस ड्राफ्ट से करीब 40 लाख लोगों की नागरिकता संदिग्ध हो गई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इन लोगों का क्या होगा? ये भारत के नागरिक नहीं हैं, इन्हें पहले से ही बांग्लादेशी कहा जाता रहा है. क्या भारत इन्हें बांग्लादेश भेजेगा? क्या बांग्लादेश इन्हें अपनाएगा या इनका हश्र रोहिंग्याओं वाला होगा जिनके पास किसी देश की नागरिकता नहीं है?

इस मामले पर न्यूज 18 ने बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन उल हक इनु से बात की. हसन उल हक इनु ने इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान देने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस ड्राफ्ट के बारे में भारत ने बांग्लादेश को कोई सूचना नहीं दी है, इसलिए इस पर आधिकारिक बयान देने की जरुरत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने इसे भारत का आंतरिक मुद्दा बताते हुए पल्ला झाड़ लिया.

हसन उल हक इनु ने कहा कि भारत और असम के आंतरिक मामले में बांग्लादेश का कोई लेना देना नहीं है और न ही ये हमारे नागरिक हैं. उन्होंने कहा कि हो सकता है ये असम के पड़ोसी राज्यों के हों इसलिए हमारा बयान देने का कोई रीजन नहीं है. हसन उल हक इनु ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों ने आजादी की लड़ाई के वक्त सहमति समझौते के तहत भारत में शरण ली थी. बाद में उन्हें वापस भेज दिया गया जहां उनका पुनर्वास किया गया. इसके बाद से भारत में किसी भी बांग्लादेशी शरणार्थी के होने की रिपोर्ट नहीं है.

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