नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब के मकबरे को बंद करने का फैसला लिया है। इसे फिलहाल पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। एएसआई ने यह कदम स्थानीय मस्जिद कमेटी द्वारा ताला लगाने की कोशिश के बाद उठाया है। मनसे ने दी थी धमकी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) […]
नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब के मकबरे को बंद करने का फैसला लिया है। इसे फिलहाल पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। एएसआई ने यह कदम स्थानीय मस्जिद कमेटी द्वारा ताला लगाने की कोशिश के बाद उठाया है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और इसे गिरा दिया जाना चाहिए ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद औरंगाबाद के खुल्दाबाद इलाके में एक मस्जिद कमेटी ने मकबरे पर ताला लगाने की कोशिश की। मकबरा खुल्दाबाद इलाके में ही है। इस पूरे प्रकरण के बाद एएसआई ने मकबरे की सुरक्षा बढ़ा दी थी। बता दें कि मनसे ने मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाने को लेकर काफी बवाल मचाया था औऱ ये मामला अभी तक सुर्खियों में रहा है।
एएसआई के औरंगाबाद क्षेत्र के अधीक्षक मिलन कुमार चौले के मुताबिक इससे पहले मस्जिद कमेटी ने मकबरे पर ताला लगाने की कोशिश की थी, लेकिन उनके विभाग ने उसे खोल दिया था। मिलन कुमार ने बताया कि हालांकि, बुधवार को हमने इसे अगले पांच दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया। अधिकारी ने कहा, “हम स्थिति का आकलन करेंगे और फिर तय करेंगे कि इसे और पांच दिनों के लिए खोला जाए या बंद रखा जाए।”
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने इस महीने की शुरुआत में औरंगजेब के मकबरे का दौरा किया था, उनके इस कदम की महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के साथ-साथ राज ठाकरे ने भी आलोचना की थी। नेतृत्व वाली मनसे ने भी इसकी आलोचना की थी। ओवैसी की समाधि का दौरा करने के बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने संदेह व्यक्त किया था कि क्या वह ऐसा करके महाराष्ट्र के शांतिपूर्ण प्रशासन को बाधित करना चाहते हैं।