असम, असम और मेघालय की सरकारों ने अपने 50 साल पुराने सीमा विवाद को दूर करने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ऐतिहासिक समझौते (Assam Meghalaya Border dispute) पर हस्ताक्षर किया है, गृह मंत्रालय के इस कार्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
मेघालय और असम के मुख्यमंत्रियों ने पहले चरण में छह स्थानों ताराबाड़ी, गिजांग, हाकिम, बोकलापाड़ा, खानपाड़ा-पिलंगकाटा और रतचेरा में सीमा विवाद को हल करने के लिए 29 जनवरी को गुवाहाटी में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जिसके बाद इस समझौते को 31 जनवरी को गृह मंत्रालय को भेजा गया था.
मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके मेघालय समकक्ष कोनराड के संगमा ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ-साथ इन राज्यों के अन्य अधिकारियों और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की मौजूदगी में सीमा विवाद से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किया था.
असम और मेघालय की सरकारें 884 किलोमीटर की सीमा के साथ लगते 12 “मतभेद के क्षेत्रों” में से छह में अपने सीमा विवाद को हल करने के संबंध में एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं, इस मसौदे में 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के मुताबिक, असम 18.51 वर्ग किमी रखेगा और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा.
इस ऐतिहासिक समझौते के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, “यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है, इस समझौते के बाद हमारा लक्ष्य आने वाले अगले 6-7 महीनों में बाकी विवादित स्थलों की समस्या का समाधान करने का है.”
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