नई दिल्ली, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अब बहुमत परीक्षण का दांव चल दिया है, दरअसल शुक्रवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विश्वासमत का प्रस्ताव रखा जिसे सोमवार को सदन में पेश किया जाएगा. इस विश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया […]
नई दिल्ली, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अब बहुमत परीक्षण का दांव चल दिया है, दरअसल शुक्रवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विश्वासमत का प्रस्ताव रखा जिसे सोमवार को सदन में पेश किया जाएगा. इस विश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. साथ ही केजरीवाल ने कहा कि वह कॉन्फिडेंस मोशन से जनता को दिखाना चाहते हैं कि दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस’ तो बुरी तरह फेल हो गया है और ये ऑपरेशन कमल हो गया है. उन्होंने एक बार फिर भाजपा पर उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा 12 विधायकों से भाजपा ने संपर्क किया और उन्हें 20-20 करोड़ रुपए का लालच दिया.’
केजरीवाल ने कहा, ”पिछले कुछ दिनों से यह चल रहा है कि इन्होंने यहाँ इतने विधायक तोड़ लिए, तो वहां उतने तोड़ दिए. मेरे पास फोन भी कई लोगों के फोन आ रहे हैं, कि सब ठीक है ना, कितने गए? इसलिए मैं इस सदन के अंदर विश्वास प्रस्ताव लाना चाहता हूं, दिल्ली की जनता को दिखाने के लिए कि उन्होंने जिन लोगों को चुना है, वो सभी हीरा हैं, ये मर जाएंगे, कट जाएंगे लेकिन टूटने वाले नहीं हैं, ये सबूत है कि हमारा एक भी आदमी नहीं टूटा। कॉन्फिडेंस मोशन लाना चाहता हूं ताकि जनता के सामने यह साबित हो जाए कि भाजपा का ऑपेरशन लोटस दिल्ली में आकर ऑपरेशन कीचड़ बन गया.”
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में ‘आम आदमी पार्टी’ के 62 विधायक हैं, जबकि भाजपा के सिर्फ आठ हैं, इसमें भी सत्येंद्र जैन अभी जेल में हैं और स्पीकर रामनिवास गोयल देश से बाहर बताए जा रहे हैं. ऐसे में आप की ओर से सदन में सोमवार को 60 विधायक मौजूद रह सकते हैं, जो कि बहुमत के आंकड़े से बहुत ज्यादा है. इस लिहाज से देखा जाए तो ना तो सरकार पर कोई संकट है, वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो केजरीवाल विश्वास मत के जरिए अपनी सरकार की मजबूती का संदेश देना चाहते हैं. भाजपा पर ऑपरेशन लोटस का आरोप लगा रही आप यह दिखाना चाहती है कि उपमुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद विधायकों का भरोसा केजरीवाल पर कायम है.