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Arun Jaitley Blog on Ease of Doing Business India Rank: इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत को मिली 77वीं रैंकिंग, अरुण जेटली बोले- अभी लक्ष्य से 27 पायदान पीछे हैं

नई दिल्लीः Arun Jaitley Blog on Ease of Doing Business India Rank: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी की जाने वाली ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की सूची में भारत के 77वें स्थान पर पहुंचने पर खुशी जाहिर की है. कारोबार सुगमता सूची में इस बार भारत ने 23 अंकों की छलांग लगाते हुए 77वीं रैंक हासिल की है. पिछले साल भारत की रैंक 100 थी. सूची के जारी होने के बाद अरुण जेटली ने यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल और मोदी सरकार के 4 वर्षों के कार्यकाल में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में भारत के स्थान की तुलनात्मक स्थिति बताई है.

अरुण जेटली ने ब्लॉग में लिखा कि यूपीए-2 के दौरान कारोबार सुगमता सूची में भारत पिछड़ ही रहा था. यूपीए-2 सरकार के 5 वर्षों का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ मामले में पहले साल भारत की रैंक 134, दूसरे साल 132, तीसरे साल 132, चौथे साल 134 और पांचवें साल यह बढ़कर 142वें स्थान पर पहुंच गई. यह यूपीए सरकार का सबसे खराब प्रदर्शन था. निवेशक भारत में कारोबार करने से कतराने लगे थे और जो निवेशक भारत में रहकर कारोबार कर रहे थे वह धीरे-धीरे अपना बिजनेस भारत से दूसरे देश शिफ्ट कर रहे थे.

उन्होंने आगे लिखा कि 2014 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में भारत को 50वीं रैंक तक लाने का लक्ष्य रखा था. लक्ष्य पाने के लिए हमें 92 पायदान नीचे आना था जोकि उस समय असंभव जान पड़ रहा था. 65 पायदानों का सुधार मोदी सरकार की उपलब्धि है और अब लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं रह गया है. जेटली ने आगे कहा कि मोदी सरकार के शुरूआती दो वर्षों में भारत की रैंक 130 रही. तीसरे साल यह घटकर 100 पर आ गई और अब चौथे साल 23 पायदान गिरकर भारत ने 77वीं रैंक हासिल की है.

अरुण जेटली ने आगे बताया कि 190 देशों के बीच कारोबार सुगमता तय करने वाली यह सूची 10 विभिन्न श्रेणियों के आधार पर तय की जाती है. हर देश अपने आपको बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करता है, लिहाजा प्रतिस्पर्धा अपने चरम पर होती है. ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में बेहतर रैंक हासिल करने के लिए हर देश को प्रशासनिक सुधार, नीतिगत निर्णय, कानून और नियमन में सुधार करना होता है और उन्हें धरातल पर दिखाना होता है. इसके लिए समय सीमा भी तय की जाती है और तय सीमा में सभी मानकों को पूरा करना होता है. 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हमने सभी 10 श्रेणियों में सुधार करना शुरू किया और बदलाव जमीनी स्तर पर दिखाई दिए. इसी का नतीजा है कि कारोबार सुगमता मामले में आज हम 77वीं रैंक पर हैं और जल्द ही हम अपने लक्ष्य को पूरा कर लेंगे.

 

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Aanchal Pandey

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