Arun Jaitley Death, Profile, Political Career: भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(AIIMS) में निधन हो गया है. अरुण जेटली 66 साल के थे. अरुण जेटली को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 9 अगस्त 2019 को भर्ती कराया गया था. अरुण जेटली को देखने के लिए बड़ी संख्या में नेता और उनके प्रशंसक एम्स पहुंचे हुए हैं. शुक्रवार रात अरुण जेटली को देखने के लिए गृहमंत्री अमित शाह एम्स पहुंचे थे. बीती शाम को हालत बिगड़ने पर अरुण जेटली को डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखा था.
नई दिल्ली. Arun Jaitley Death News,Profile: भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(AIIMS) में निधन हो गया है. अरुण जेटली 66 साल के थे. अरुण जेटली को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 9 अगस्त 2019 को भर्ती कराया गया था. शुक्रवार रात अरुण जेटली को देखने के लिए गृहमंत्री अमित शाह एम्स पहुंचे थे. अरुण जेटली को देखने के लिए आज सुबह से ही कई बड़े नेता एम्स पहुंचे थे. जेटली को सुबह देखने पहुंचे नेताओं में बसपा सुप्रीमो मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा, हर्षवर्धन शामिल थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सुबह जेटली को देखने के लिए पहुंचे थे. बीती शाम को हालत बिगड़ने पर अरुण जेटली को डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखा था.
लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे अरुण जेटली किडनी की समस्या के साथ-साथ बाएं पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. इसके साथ ही अरुण जेटली को डायबिटीज की भी बीमारी थी. उन्होंने अपना किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था. पैर में सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा कैंसर की बीमारी का पता चलने के बाद अरुण जेटली इलाज के लिए अमेरी भी गए थे. उन्होंने मोटापा से छुटकारा पाने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी भी करा रखी थी.
अरुण जेटली भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक थे. छात्र जीवन में ही अरुण जेटली ने बीजेपी की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का दामन थाम लिया था. दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के साथ-साथ नरेंद्र मोदी की सरकार में भी अरुण जेटली कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री का दायित्व संभाला था. आइए जानते हैं कि अरुण जेटली का राजनीतिक सफर कैसा रहा.
Delhi: Former Union Minister and Senior BJP leader Arun Jaitley passes away at AIIMS pic.twitter.com/OTDwN7sM0w
— ANI (@ANI) August 24, 2019
बता दें कि वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में अमृतसर में चुनाव हारने के बावजूद अरुण जेटली को नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली सरकार में वित्त मंत्रालय का कार्यभार सौंपा था. इस बात से बीजेपी में उनके कद का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. कुछ समय के लिए जेटली ने नरेंद्र मोदी सरकार में रक्षा मंत्री का कार्यभार भी संभाला था. मोदी सरकार में मंत्री रहते हुए अरुण जेटली ने कई बार सरकार को संसद में अपने धारदार भाषण से उबारा. जेटली जितने चतुर राजनेता थे उतने ही कुशल वक्ता. जेटली सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील के पद पर भी रह चुके हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार से पहले अरुण जेटली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे. उन्हें उद्योग एंव वाणिज्य और कानून मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया था. अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था. जेटली के पिता महाराज किशन पेशे से वकील थे. छात्र जीवन की बात करें तो अरुण जेटली ने नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957-69 तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और डीयू से 1977 में कानून की डिग्री ली. अपनी पढ़ाई के दौरान अरुण जेटली को कई अकदमिक क्रियाकलापों में शानदार प्रदर्शन के लिए कई सम्मान मिले. 24 मई 1982 को अरुण जेटली की शादी संगीता जेटली से हुई. इनके दो बच्चे हैं रोहन और सोनाली.
छात्र राजनीति की बात करें तो अरुण जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस में पढ़ाई के दौरान ही एबीवीपी से जुड़ गए और वर्ष 1974 में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बनें. आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 के बीच जेटली को मीसा के तहत 19 महीने की जेल भी काटनी पड़ी. राज नारायण और जय प्रकाश नारायण द्वारा चलाए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में वो भी एक प्रमुख नेता थे. जयप्रकाश नारायण ने उन्हें राष्ट्रीय छात्र और युवा संगठन समिति का संयोजक नियुक्त किया था. जेटली नागरिक अधिकार आंदोलन में भी सक्रिय रहे और सतीश झा और स्मिता कोटारी के साथ पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज बुलेटिन की शुरुआत की. जेल से रिहा होने के बाद अरुण जेटली भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए.
President Ram Nath Kovind: Extremely saddened by the passing of Arun Jaitley after battling a long illness with fortitude and dignity. A brilliant lawyer, a seasoned parliamentarian, and a distinguished Minister, he contributed immensely to nation-building. pic.twitter.com/ErFXGK37kw
— ANI (@ANI) August 24, 2019
राजनीतिक जीवन की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी में अरुण जेटली की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह 1991 से ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. 1999 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता बना दिया गया. एनडीए की सरकार में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना प्रसारण मंत्री (स्वंतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया. इसके अलावा पहली बार एक नया मंत्रालय बनाते हुए उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया.
वर्ष 2000 में नवंबर में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया और कानून, न्याय और कंपनी मामले के साथ ही जहाजरानी मंत्रालय भी सौंप दिया गया. भूतल परिवहन मंत्रालय के विभाजन के बाद जहाजरानी मंत्रालय के पहले मंत्री अरुण जेटली ही थी. लेकिन 2002 में इन्होंने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और पार्टी के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गए. मई 2004 में एनडीए के चुनाव हारने का बाद अरुण जेटली वापस बीजेपी के महासचिव बने और इसके साथ ही वो वापस वकालत में लौटे.
PM Modi: Arun Jaitley Ji was a political giant, towering intellectual & legal luminary. He was an articulate leader who made a lasting contribution to India. His passing away is very saddening. Spoke to his wife Sangeeta Ji as well as son Rohan, & expressed condolences. Om Shanti https://t.co/MXAdeItBP0
— ANI (@ANI) August 24, 2019
3 जून 2009 को अरुण जेटली लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष चुने गए. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि बीजेपी एक नेता एक पद के सिद्धांत पर काम करती है. इसके अलावा वो पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के भी सदस्य रहे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने बीजेपी के लिए शानदार काम किया. सदन में वो कई बार सत्तापक्ष को आड़े हाथों लेते नजर आए. 1980 में पार्टी में रहने के बावजूद अरुण जेटली ने कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था तो पार्टी ने उन्हें 2014 के चुनावों में सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की जगह अमृतसर मैदान में उतारा. हालांकि जेटली चुनाव पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह से हार गए.
PM Modi: With the demise of Arun Jaitley Ji,I have lost a valued friend,whom I have had the honour of knowing for decades. His insight on issues&nuanced understanding of matters had very few parallels. He lived well,leaving us all with innumerable happy memories.We will miss him! https://t.co/cNnb0CbXsv
— ANI (@ANI) August 24, 2019
बता दें कि अरुण जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जेटली ने अपने स्वास्थ संबंधी चुनौतियों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नई सरकार में कोई दायित्व न देने का अनुरोध किया था. जेटली के अंतिम दर्शन के लिए कई बड़े नेता अस्पताल पहुंचे हैं.