कोलकाता, शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को सोमवार को PMLA कोर्ट में पेश किया गया. वहीं, ईडी ने कोर्ट में अर्पिता और पार्थ चटर्जी दोनों की 14 दिन की हिरासत की मांग की है. ईडी का कहना है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पार्थ चटर्जी की ‘करीबी सहयोगी’ अर्पिता मुखर्जी लगभग 12 फर्जी कंपनियां चला रही थीं.
कोर्ट में ASG ने कहा कि ये एक गंभीर घोटाला और इसमें हम ED की फुल कस्टडी की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि इस घोटाले में अपात्र अभ्यर्थियों से रिश्वत लेकर उन्हें नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं. ED ने दो जगहों पर तलाशी ली है, एक पार्थ चटर्जी और दूसरी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर. इस दौरान ज्वाइंट सेल डीड भी मिली हैं, जिसमें संयुक्त नामों का भी जिक्र है.
ASG ने आगे कहा कि इस सेल डीड से पता चलता है कि दोनों संयुक्त रूप से संपत्ति खरीद रहे थे. ASG ने बताया कि अर्पिता के फ्लैट के दस्तावेज पार्थ के घर से बरामद किए गए हैं, जिसका जब्ती सूची में उल्लेख किया गया है. पार्थ चटर्जी और अर्पिता नियमित रूप से एक-दूसरे के संपर्क में थे. ED का कहना है कि पार्थ ने अवैध रूप से पंचनामा फाड़ दिया और वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं, पार्थ लगातार मोबाइल फोन के जरिए अर्पिता के संपर्क में थे और ये संयुक्त नामों से खरीदारी कर रहे थे. गौरतलब है, पार्थ ने अपनी गिरफ्तारी के कागजों पर हस्ताक्षर करने से भी इनकार कर दिया था.
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