रामगोपाल यादव के कौन हैं चहेते नेता, जिनकी पैरवी पर भड़की अपर्णा यादव

लखनऊ, अगस्त महीने की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी उठापठक देखने को मिली, वहीं बीते दिनों अखिलेश यादव के चाचा और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इनकी इस मुलाकात के पहले तो कई मायने निकाले जा रहे थे लेकिन फिर सपा की […]

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रामगोपाल यादव के कौन हैं चहेते नेता, जिनकी पैरवी पर भड़की अपर्णा यादव

Aanchal Pandey

  • August 5, 2022 6:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ, अगस्त महीने की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी उठापठक देखने को मिली, वहीं बीते दिनों अखिलेश यादव के चाचा और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इनकी इस मुलाकात के पहले तो कई मायने निकाले जा रहे थे लेकिन फिर सपा की तरफ से ट्वीट कर बताया गया कि प्रदेश के पिछड़े और मुसलमानों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न के संदर्भ में रामगोपाल ने योगी से मुलाकात करते हुए फर्जी केस वापस लेने की अपील की है, लेकिन अगले ही दिन शिवपाल सिंह यादव ने रामगोपाल की तरफ से सीएम योगी को लिखी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. इस चिट्ठी में रामगोपाल यादव स्पष्ट रूप से अपने दो करीबी नेताओं को लेकर योगी आदित्यनाथ से पैरवी कर रहे हैं. वहीं, इस बात के सामने आने पर सियासत गरमा गई और अपर्णा यादव ने उनपर निशाना साधा, साथ ही ओमप्रकाश राजभर ने भी बहती गंगा में हाथ धोते हुए अखिलेश पर हमला बोला.

रामगोपाल ने किसकी पैरवी की?

रामगोपाल यादव ने एटा जिले के कद्दावर राजनीतिक परिवार से जुड़े दो भाइयों और उनके परिवार को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उनकी पैरवी की. ये दोनों है- सपा के टिकट पर 3 बार के विधायक रह चुके रामेश्वर सिंह यादव और उनके छोटे भाई तथा एटा जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह यादव, बता दें, यह नेता अखिलेश यादव के रिश्तेदार भी हैं. एटा के रघुपुर गांव के निवासी रामेश्वर का एक और परिचय यह है कि रिश्ते में ये रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव के साढ़ू भी लगते हैं, वहीं सीएम योगी के साथ तकरीबन 12 मिनट की मुलाकात में रामगोपाल ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमे और प्रशासन की कार्रवाई को लेकर चर्चा की थी.

शिवपाल यादव ने खोली पोल

शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव की तरफ से योगी को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसमें रामेश्वर और जोगेंद्र के कॉम्पलेक्स, फार्म हाउस, ईंट भट्टों, बारात घर को तोड़े जाने की बात के साथ ही कई फर्जी मुकदमे दर्ज होने की बात लिखी गई थी. इसे शेयर करते हुए शिवपाल ने लिखा कि न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों हैं? आजम खान साहब, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए क्यों नहीं? अब इस मुलाकात को लेकर अपर्णा यादव भी रामगोपाल यादव पर भड़क गई हैं.

अपराध पर जीरो टॉलरेंस- अपर्णा यादव

मुलायम सिंह यादव की छोटे बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव ने इसपर रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भाजपा जीरो क्राइम पॉलिसी में यकीन रखती है, और पार्टी के मैनिफेस्टो में भी यही लिखा गया है. सीएम योगी की सरकार में दंड सभी दोषियों के लिए समान है. पीएम मोदी ने भी कहा है कि लोगों को त्वरित न्याय मिले और अपराध पर जीरो टोलेरेंस नीति हो, इस नीति के तहत निर्दोषों को किसी प्रकार की कार्रवाई का सामना न करना पड़े और इसे सीएम ने पूरे प्रदेश में लागू किया गया है. अपराधी चाहे कोई भी बचेगा नहीं, भाजपा की इस नीति के बारे में लोगों को भी अच्छे से जान लेना चाहिए.’

कौन हैं जोगेंद्र और रामेश्वर ?

एटा की अलीगंज सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई जोगेंद्र सिंह यादव की संपत्ति पर योगी सरकार बुलडोज़र की कार्रवाई कर रही है, जोगेंद्र यादव जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. इन दोनों भाइयों पर पुलिस और प्रशासन की ओर से करीब 80 केस दर्ज किए गए हैं, वहीं सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अलावा अन्य धाराओं में केस भी दर्ज किया गया है. इस मामले में अब दोनों भाइयों की करीब 29 करोड़ की संपत्ति की जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

 

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