Andhra Pradesh Assembly Elections Result 2019: आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस बहुमत से सरकार बनाने जा रही हैं. जगन मोहन रेड्डी 30 मई को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे. वहीं खबर यह भी है कि राज्य की सत्ता पर काजिब टीडीपी इस विधान सभा चुनाव में काफी पीछे रह गई है. इतना ही नहीं चंद्र बाबू नायडू आज ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैंय.
हैदराबाद. लोकसभा चुनाव मतगणना 2019 के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में विधान सभा चुनावों की गिनती भी जारी है. आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के रुझानों में वाईएसआर कांग्रेस को बहुमत मिल चुका है. वहीं सत्तारूढ तेलुगु देशम पार्टी काफी पीछे चल रही है. इस बीच खबर आ रही है कि तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री पद से आज शाम तक इस्तीफा दे सकते हैं. खबर यह भी है कि आंध्र प्रदेश में बहुमत से सरकार बनाते हुए वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी 30 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
दरअसल, वाईएसआर कांग्रेस के नेता उम्मारेड्डी वेंकटेशवरलु ने जगमोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण की तारीख का खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि जगन मोहन रेड्डी 30 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. आंध्रप्रदेश के सभी 1 74 विधान सभा सीटों पर रुझान सामने आ चुके हैं. हालांकि अभी तक आंध्रप्रदेस विधानसभा के फाइनल नतीजे घोषित नहीं किए गए हैं. आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनावों में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को 174 विधानसभा सीटों में से 148 सीटे जीत चुकी है.
वहीं सत्तारूढ तेलुगु देशम पार्टी केवल 24 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी सत्ता राज्य की सत्ता से दूर हो गई है. आंध्रप्रदेश में एक्टर पवन कल्याण की पार्टी जनसेना की झोली में 1 सीट ही आ पाई है. हालांकि अभी तक चुनाव के नतीजों की ऑफिशियली घोषणा नहीं की गई है.
आंध्र प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी रुझानों में काफी पीछे चल रही है.वहीं वाईएसआर कांग्रेस टीडीपी को पछाड़ते हुए काफी आगे निकल चुकी है. ़चंद्रबाबू नायडू की तुलुगु देशम का राज्य की सत्ता से हाथ धोती दिख रही है. वहीं बीजेपी जहां एक बार फिर से देश में सरकार बनाने के लिए तैयार है वहीं आंध्र प्रदेश के विधान सभा चुनाव में बीजेपी का खाता भी खुलता नजर नहीं आ रहा है. बीजेपी राज्य के राजनीतिक परिदृश्य से अपनी ही उम्मीदों पर खरा उतरता नहीं दिख रहा है. 2014 में राज्य के विभाजन के बाद कांग्रेस आंध्र प्रदेश में पुनर्गठन की मांग कर रही है.