नई दिल्ली, गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के दिल्ली में हुए प्रदर्शन पर एक बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने साफ कहा है कि पार्टी ने ये विरोध प्रदर्शन महंगाई या फिर बेरोजगारी के खिलाफ नहीं किया है, बल्कि आज ही के दिन क्योंकि राम जन्म भूमि का शिलान्यास हुआ था, ऐसे में […]
नई दिल्ली, गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के दिल्ली में हुए प्रदर्शन पर एक बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने साफ कहा है कि पार्टी ने ये विरोध प्रदर्शन महंगाई या फिर बेरोजगारी के खिलाफ नहीं किया है, बल्कि आज ही के दिन क्योंकि राम जन्म भूमि का शिलान्यास हुआ था, ऐसे में राम जन्म भूमि के शिलान्यास के विरोध में पार्टी ने काले कपड़े पहन ये प्रदर्शन किया.
अमित शाह कहते हैं कि कांग्रेस ने हिडन तरीके से ये अपीजमेंट की प़ॉलिसि अपनाई है. आज पार्टी के सभी लोग काले कपड़े पहन कर आए, आज ही के दिन राम जन्म भूमि का शिलान्यास किया गया था ऐसे में शांतिपूर्ण तरीके से समाधान हुआ था, लेकिन कांग्रेस फिर भी खुश नहीं है. इसलिए पार्टी ने राम मंदिर के विरोध के लिए काले कपड़े का इस्तेमाल किया गया है.
गृह मंत्री ने जोर देकर कहा है कि कांग्रेस हमेशा की तरह तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ा रही है, लेकिन ये नीति ना तो पहले कभी देश के लिए सही थी और ना ही आज ये सही है. कांग्रेस को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा है और जिस हश्र पर पार्टी खड़ी है, उसकी एक बड़ी वजह तुष्टिकरण है.
प्रदर्शन के दौरान जब काले कपड़े पहनने को लेकर विवाद हुआ तो कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ज्योतिषी ने कहा था कि ऐसा करने से मोदी सरकार को सद्बुद्धि आएगी. इसलिए जनता की भलाई के लिए हम सभी आज काले लिबास में विरोध प्रदर्शन हैं. वैसे राजनीति में काले रंग के और भी कई मायने निकाले जाते हैं, काले रंग को विरोध का प्रतीक माता जाता है इसीलिए तो शुभ काम में काले रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
इसके साथ ही, दूसरे देशों में भी लोग अपना विरोध जाहिर करने के लिए काले रंग की पट्टी बांधकर जाते हैं. इसी कड़ी में निराशा और गुस्से को जाहिर करने के लिए भी काले रंग का कई बार इस्तेमाल किया जाता है. कहा तो ये भी जाता है कि विरोध के बाद भी काले रंग को शक्ति से भरपूर माना जाता है, यही वजह से शुक्रवार को जब कांग्रेस सड़क पर प्रदर्शन करने उतरी, तो तमाम कार्यकर्ता काले लिबास में नजर आए.