लखनऊ. लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से ही शुरू हो गई हैं, विपक्षी नेता चुनाव के लिए अभी से ही विपक्षी एकता की कवायद कर रहे हैं. ऐसे में, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. दरअसल, कन्नौज में अखिलेश यादव से पूछा गया कि आपने […]
लखनऊ. लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से ही शुरू हो गई हैं, विपक्षी नेता चुनाव के लिए अभी से ही विपक्षी एकता की कवायद कर रहे हैं. ऐसे में, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. दरअसल, कन्नौज में अखिलेश यादव से पूछा गया कि आपने डिंपल यादव को हमसे क्यों छीन लिया. इसपर अखिलेश ने कहा कि वो खुद यहाँ से चुनाव लड़ेंगे, साथ ही अखिलेश ने मज़ाकिया लहजे में ये भी कहा कि “अभी हम खाली बैठे हैं और राजनेता है तो क्या करें, चुनाव ही तो लड़ेंगे.”
अखिलेश यादव ने ये बयान यूँ ही नहीं दिया है, बल्कि इस बयान के पीछे एक सोची-समझी रणनीति है. ये तो जगजाहिर है कि कनौज सीट अखिलेश यादव के ज्यादा करीब है और कन्नौज से डिंपल यादव की हार अखिलेश अब तक भूला नहीं पाए हैं. ऐसे में, डिंपल यादव को कन्नौज की जगह मैनपुरी शिफ्ट कर दिया गया है. अखिलेश ने खुद अब कन्नौज की कमान संभाली है.
अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आज़मगढ़ की सीट छोड़ दी थी ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश ने विधानसभा का चुनाव इसलिए लड़ा ताकि वे प्रदेश में सदन के अंदर भाजपा और योगी सरकार के सामने विपक्ष का चेहरा बनकर दिखाई दें और सरकार को घेरें.
अगर मुख्यमंत्री नहीं तो फिर प्रदेश की राजनीति सदन से नहीं बल्कि संसद से होगी, इससे ये तो साफ़ है कि अखिलेश यादव सदन जाना चाहते हैं. अखिलेश यादव की रुचि प्रदेश की राजनीति से ज्यादा राष्ट्रीय राजनीति में है.
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