नई दिल्ली: बुधवार को शिरोमणि अकाली दल ने सामान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने का विरोध जताया है. बुधवार को अकाली दल ने UCC को लेकर विरोध जताया है. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी की ओर से सामान नागरिक संहिता का समर्थन करने को लेकर भी अकाली दल ने आलोचना की है. अकाली दल […]
नई दिल्ली: बुधवार को शिरोमणि अकाली दल ने सामान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने का विरोध जताया है. बुधवार को अकाली दल ने UCC को लेकर विरोध जताया है. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी की ओर से सामान नागरिक संहिता का समर्थन करने को लेकर भी अकाली दल ने आलोचना की है. अकाली दल का कहना है कि आम आदमी पार्टी का अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा’ उजागर हो गया है.
वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने UCC को लेकर कहा कि हमेशा से अकाली दल ने पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता का विरोध किया है. इस मुद्दे को वह 22वें विधि आयोग के साथ-साथ संसद में भी उठा चुका है. उन्होंने आगे कहा कि अकाली दल का मानना है कि देश में नागरिक कानून आस्था, विश्वास, जाति और रीति-रिवाजों से प्रभावित हैं. विभिन्न धर्मों के लिए आस्था अलग-अलग होती है जिसे लेकर सामाजिक ताने-बाने के साथ-साथ विविधता में एकता की अवधारणा जरूरी है. देश में इसे बरकरार रखना चाहिए.
आप नेता संदीप पाठक ने बताया कि सैद्धांतिक रूप से हम (आम आदमी पार्टी) UCC का समर्थन करते हैं क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है. UCC पर अनुच्छेद 44 कहता है कि देश में सामान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए लेकिन इस मुद्दे के सभी धर्मों से जुड़े होने के कारण स्टेक होल्डर्स से पहले आम सहमति बनानी चाहिए.
बता दें कि, देश भर में सामान नागरिक संहिता को लेकर बहस तेज हो गई है, जहां मंगलवार (27 जून) को भोपाल में भारतीय जनता पार्टी के मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि वोट बैंक के भूखे लोग हैं जो तीन तलाक की वकालत करते हैं. भारत के मुसलमान भाई-बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल हैं जो उन्हें भड़काकर उनका फायदा उठाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कुछ लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर मुस्लिम भाई-बहनों को भड़का रहे हैं क्या एक ही परिवार में दो तरह के नियम चलते हैं?