केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े के 'सेक्युलर' वाले बयान पर अभिनेता प्रकाश राज ने पलटवार किया है. एक निर्वाचित प्रतिनिधि होते हुए कोई इतने निचले स्तर का बयान कैसे दे सकता है. ये धर्मनिरपेक्ष लोगों के माता-पिता का अपमान है. प्रकाश राज ने कहा कि किसी इंसान का खून ये नहीं तय करता है कि वो किस धर्म का है या फिर किस धर्म से ताल्लुक रखता है. धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब खुद के साथ दूसरों के अस्तित्व को भी स्वीकार करना होता है.
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े को उनके ‘सेक्युलर’ वाले विवादित बयान पर अभिनेता प्रकाश राज ने करारा जवाब दिया है. प्रकाश राज ने कहा कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि होते हुए कोई इतने निचले स्तर का बयान कैसे दे सकता है. ये धर्मनिरपेक्ष लोगों के माता-पिता का अपमान है. प्रकाश राज ने कहा कि किसी इंसान का खून ये नहीं तय करता है कि वो किस धर्म का है या फिर किस धर्म से ताल्लुक रखता है. धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब खुद के साथ दूसरों के अस्तित्व को भी स्वीकार करना होता है.
अभिनेता प्रकाश राज के इस बयान पर हेगड़े की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बताते चलें कि प्रकाश राज एक्टिंग के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते हैं. वह अक्सर जस्ट आस्किंग हैश टैग के साथ केंद्र सरकार से गंभीर मुद्दों पर सवाल पूछते रहते हैं. हाल में उन्होंने संसद का शीतकालीन सत्र न शुरू होने पर भी केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था.
Mr Ananth Kumar Hegde …as an elected representative …how can u stoop down so low …by commenting on ones parenthood … #justasking pic.twitter.com/E3Z2CDrXJd
— Prakash Raj (@prakashraaj) December 25, 2017
क्या कहा था मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने?
केंद्रीय रोजगार और कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने रविवार को कर्नाटक के कोप्पल जिले में विवादित बयान दिया था. उन्होंने संकेत दिया कि ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को संविधान में संशोधित किया जा सकता है. हेगड़े ने धर्मनिरपेक्षता पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ‘धर्मनिरपेक्ष नहीं जानते कि उनका खून क्या है. संविधान ने यह कहने का अधिकार दिया है कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं और हम इसे कहते रहेंगे. हां मुझे पता है कि संविधान में कई बार संशोधन किया गया है, हम इसमें भी संशोधन करेंगे. हम इसके लिए सत्ता में आए हैं.’
खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाले कौन हैं?
हेगड़े ने कहा, ‘अगर आप कहते हैं कि आप एक हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत या ब्राह्मण हैं, तो मुझे गर्व है कि आप अपने धर्म और जाति के साथ संबंध रखते हैं. ऐसा कहने वाला व्यक्ति अपनी रगों में बह रहे खून के बारे में जानता है. लेकिन ये खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाले कौन हैं? ऐसे लोगों को क्या बुलाया जाए? धर्मनिरपेक्षता के पास कोई अभिभावक नहीं है.’ हेगड़े के बयान पर राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री ने संविधान नहीं पढ़ा है. वह संसदीय या राजनीतिक भाषा नहीं जानते हैं. बताते चलें कि यह पहली बार नहीं है कि हेगड़े ने विवादित बयान दिया हो, पिछले साल हेगड़े ने कथित तौर पर इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. बीते नवंबर में हेगड़े ने कर्नाटक में आयोजित टीपू जयंती उत्सव में भाग लेने से इनकार कर दिया था, क्योंकि बीजेपी मैसूर के राजा को क्रूर तानाशाह मानती है.