नई दिल्ली : पंजाब की सियासत एक बार फिर तेज होती दिखाई दे रही है. जहां राज्यपाल द्वारा सीएम मान को लिखे गए पत्र ने राज्य की सियासत गरमा दी है. इस बीच आम आदमी पार्टी के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर आरोप लगाए हैं कि वह राज्य में विपक्ष का काम कर रहे हैं.
हाल ही में राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र के विधायी कार्यों का ब्योरा मांगने को पंजाब कैबिनेट मिनिस्टर अमन अरोड़ा ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय’ बताया है. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि पंजाब में ‘ऑपरेशन लोटस’ को सफल बनाने के लिए राज्यपाल केंद्र सरकार के इशारे पर ऐसा कर रही है. आप मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा, पिछले 75 सालों में कभी किसी राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा विधान परिषद सत्र बुलाने से पहले कार्यों की सूची नहीं मांगी थी. ऐसा पहली बार हुआ. वह आगे कहते हैं कि राज्यपाल, बीजेपी और कांग्रेस के साथ मिलकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रही है. इसके पीछे आम आदमी पार्टी की सरकार को काम करने से रोकने की साजिश है.
अमन अरोड़ा आगे भाजपा की आलोचना करते हुए कहते हैं कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, उन्होंने वहाँ राज्यपालों को विपक्ष के रूप से विपक्ष का काम करने की जिम्मेदारी सौंपी है. बीजेपी अपनी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है. जिससे सत्तारूढ़ सरकार को काम करने से रोका जा सके. राज्यपाल का आप सरकार को बार-बार नोटिस भेजा जाना पार्टी को भारत के संविधान के अनुसार काम करने से रोक रहा है.
बता दें, पंजाब के सीएम मान ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के 27 सितंबर को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के फैसले को लेकर नाराज़गी जताई थी. राज्यपाल ने विधानसभा से इस सत्र के विधाई कार्यों का विवरण मुख्यमंत्री से माँगा था. इससे पहले 22 सितंबर को भी सीएम मान ने विश्वासमत साबित करने के लिए विशेष सत्र बुलाया था, जिसकी अनुमति राज्यपाल द्वारा रद्द कर दी गई थी. इसके बाद से हो पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच विवाद बना हुआ है.
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