ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में 21 AAP MLA को चुनाव आयोग के द्वारा अयोग्य ठहराने पर बोले आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह, बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है

AAP MLA Office of Profit Case को लेकर आज आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है और चुनाव आयोग बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है.

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ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में 21 AAP MLA को चुनाव आयोग के द्वारा अयोग्य ठहराने पर बोले आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह, बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है

Aanchal Pandey

  • January 20, 2018 1:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली.मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति के द्वारा 21 आम आदमी पार्टी के विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सफाई दी है. संजय सिंह ने कहा कि आप के विधायकों ने कुछ भी गलत नहीं किया है. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई है, हमें राहत मिलने की पूरी उम्मीद है.

संजय सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि राजनीतिक द्वेष भावना से आम आदमी पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित कई राज्यों में हाई कोर्ट ने विधायकों को संसदीय सचिव के पद से हटाया है. लेकिन किसी भी राज्य में किसी भी विधायक की सदस्यता नहीं गई है. लेकिन दिल्ली सरकार के मामले में चुनाव आयोग ने बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम करते हुए 21 विधायकों की सदस्यता को रद्द कर दिया है. संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी दिल्ली सरकार पर वेबुनियाद और अनाप शनाप आरोप लगा रही है. इसके अलावा संजय सिंह ने कहा कि सोमवार को इस मामले की दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई है, हमें पूरी उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी को इस मामले में राहत मिलेगी.

संजय सिंह के अलावा दिल्ली के ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल राय ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साधा. गोपाल राय ने कहा कि सीईसी ए के ज्योति जी ने आप विधायकों को लेकर जो अपना फ़ैसला राष्ट्रपति को भेजा है. इसको लेकर सबके मन में एक ही सवाल है कि अखिल मुख्य चुनाव आयुक्त की ऐसी क्या मजबूरी थी जो उन्होंने जल्दबाजी में ये कदम उठाया है. राय ने कहा कि अंग्रेज़ों के राज़ में भी कम से कम जिसके ऊपर आरोप है उसे अपना पक्ष रखने का मौक़ा दिया जाता था. लेकिन चुनाव आयोग ने हमें वो मौका भी नहीं दिया है.

बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने शुक्रवार को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश कर दी थी. उस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुहर लगवाने के लिए भेज दिया था. संवैधानिक तौर पर किसी भी राज्य में विधानसभा की कुल क्षमता के अधिकतम 15 फीसदी सदस्य ही मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं. छोटे राज्यों के लिए अधिकतम संख्या 7 तय की गई है. इस हिसाब से दिल्ली में एक साथ 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति सवालों में घिरी थी

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