नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 57 दिनों बाद घर लौट आए हैं. 16 फरवरी को छु्ट्टी पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का उनके आवास पर मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका ने स्वागत किया. राहुल के छुट्टी से लौटने की खुशी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर पटाखे फोड़े और उनके समर्थन में नारे लगाए. सूत्रों की माने तो आज होने वाली सचिवों की बैठक में राहुल गांधी हिस्सा ले सकते हैं.
कांग्रेस उपाध्यक्ष बैंकाक से थाई एयरवेज के विमान से दिल्ली पहुंचे। विमान को 10 बजकर 35 मिनट पर हवाई अड्डे पर उतरना था, लेकिन इसमें करीब 40 मिनट की देरी हुई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 11 बजे राहुल गांधी के 12 तुगलक रोड स्थित आवास पर गईं और उसके तुरंत बाद ही उनकी बेटी प्रियंका भी वहां पहुंचीं. गहरे रंग की शर्ट पहने राहुल गांधी अपनी गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे थे और वह इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से कोई बात किए बिना सीधे घर के अंदर चले गए. वैसे, उनके घर लौटने की अटकलों के चलते कई मीडियाकर्मियों ने उनके 12 तुगलक लेन स्थित बंगले के बाहर की रात गुजारी और सुबह अन्य उत्सुक लोग उनमें शामिल हो गए.
राहुल गांधी 16 फरवरी को 15 दिनों की छुट्टी पर गए थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी छुट्टी कई बार बढ़ाई, हालांकि इस दौरान पार्टी नेता राजनैतिक अस्थिरता वाले इस समय में उनकी छुट्टी पर जाने के फैसले का कई स्तर पर बचाव करते नज़र आए. कांग्रेस नेतृत्व लगातार यह कहता रहा कि उनके नंबर दो नेता को आत्मविश्लेषण करने और पार्टी में उनका रोल तय करने और पार्टी के भविष्य पर विचार करने के लिए थोड़ा समय चाहिए. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी इस रविवार को भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ किसानों की एक रैली को 19 अप्रैल को संबोधित करेंगे. कांग्रेस इस बिल का लगातार विरोध करती रही है.
राहुल गांधी की इमेज किसानों के हमदर्द के रूप में उभरी है और ऐसा माना जाता है कि साल 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में यह प्रावधान उनकी वजह से ही लाया जा सका कि किसानों की मर्जी के बगैर उनकी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है. राहुल की अनुपस्थिति में सोनिया गांधी ने पिछले महीने ही मनमोहन सिंह के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एक अनिच्छुक राजनेता के रूप में जाने-जाने वाले राहुल गांधी जल्द ही अपनी मां सोनिया गांधी की जगह पार्टी की कमान अपने हाथ ले लेंगे.
दो महीने पहले राहुल के छुट्टी पर जाने के बाद पार्टी के भीतर उनको लेकर कई तरह के विरोधाभासी बयान सामने आए हैं. मंगलवार को ही कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने एक इंटरव्यू में इशारों-इशारों में राहुल गांधी पर निशाना साधा था, हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. शीला दीक्षित से पहले संदीप दीक्षित भी राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध कर चुके थे. ऐसा माना जा रहा है कि शीला दीक्षित और उनके बेटे संदीप दीक्षित दोनों ही राहुल गांधी की गुडलिस्ट में नहीं हैं और टीम राहुल में शीला दीक्षित के धुर विरोधी अजय माकन की जगह मिली है. इसी हफ्त़े पंजाब के कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि पार्टी में किसी भी तरह का बदलाव अध्यक्ष को बदलने से नहीं लाया जा सकता है.
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