पटना. बिहार में एनडीए की शर्मनाक हार के बाद बीजेपी में नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. शत्रुघ्न सिन्हा, जीतन राम मांझी और हुकुम देव के बाद अब सांसद भोला सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खुला हमला किया है. भोला सिंह ने हार के लिए नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि लालू की बेटी पर किए गए निजी हमले से पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा.
भोला सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान शीर्ष नेतृत्व हवा में उड़ान भरता रहा जबकि कार्यकर्ताओं को किसी ने नहीं पूछा. बेगूसराय से भोला सिंह ने पीएम मोदी पर बरसते हुए कहा कि बिहार में बीजेपी की हार नहीं हुई है बल्कि पार्टी ने आत्महत्या की है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अमर्यादित भाषा हार के कारणों में से एक है. बीजेपी नेता गिरिराज सिंह पर भी भोला सिंह ने करारा प्रहार करते हुए कहा कि एक और नेता हैं जिनकी भाषा भी अशोभनीय है.
अमित शाह और गिरिराज पर भी निशाना
अमित शाह पर उन्होंने कहा- ‘हेलिकॉप्टर उड़ रहे थे। सेनापति उसमें सवार थे. हमारे लोग बयानों में पाकिस्तान को ला रहे थे. इन्होंने कौन-सी बात की? कौन-सी मर्यादा सिखाई? केंद्रीय नेतृत्व यहां बैठा ही हुआ था. उसे किसी की जरूरत नहीं थी. सेनापतियों ने चुनाव हरवाया.’ भोला ने कहा कि गिरिराज सिंह ने कहा था कि अगर महागठबंधन जीतेगा तो आप सभी को गाय का मांस खिलाएगा. उनके बयान से काफी नुकसान पहुंचा. भारत की सांस्कृतिक चेतना और अस्मिता पर प्रहार था. किसे बोलने का अधिकार है?’
पाकिस्तान और बीफ का मुद्दा पड़ा महंगा
भोला सिंह ने कहा कि चुनाव में पाकिस्तान और बीफ का मुद्दा बेवजह उठाया गया है जिससे हमें भरपूर नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कुछ नेताओं की बेतुकी बयानबाजी हार के प्रमुख कारणों में से एक है. आपको बता दें कि इससे पहले एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी, बीजेपी सांसद शत्रुघ्न समेत पार्टी के कई सांसद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर चुके हैं.
आज गंठबंधन के घटक दलों में से एक शिवसेना ने आज एक बार फिर बीजेपी पर हमला करते हुए भाजपा के साथ-साथ सरसंचालक को बिहार में हार के लिए जिम्मेदार बताया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि यदि जीत पर ताली कप्तान को मिलती है तो गाली भी कप्तान को ही मिलनी चाहिए. पार्टी ने अपने मुखपत्र में बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बयान को कोट करते हुए लिखा है कि जब कहीं जीत मिलती है तो उसका श्रेय कप्तान को जाता है तो हार का जिम्मा भी उन्हें उठाना चाहिए. हालांकि कप्तान कौन है इसका जिक्र यहां नहीं किया गया है.