नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि आरएसएस व उसकी सांप्रदायिक विचारधारा से लड़ने के लिए कांग्रेस सबसे बड़ी ताकत है. राहुल ने राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कहा, ‘यह कहना सही नहीं है कि हम आरएसएस व उसकी विचारधारा से नहीं लड़ रहे हैं’ हम उन्हें बताएंगे सांप्रदायिकता इस देश में ज्यादा दिन नहीं चलेगी. राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश को मोहन भागवत के औसत दर्ज के सोच की जरूरत नहीं है.
राहुल ने कहा कि आज हम जिस जगह पर है इसलिए हैं क्योंकि हमारे देश में शांति और आजादी दोनों है. आरएसएस की शुरुआत से एक ही लक्ष्य रहा है कि वह इस देश को निरंकुश और धर्म के आधार पर बांट सकें. अपने इस उदेश्य को पूरा करने के लिए आरएसएस ने धार्मिक सहिष्णुता, उदारवादी सोच, धर्मनिरपेक्षता और सोशल डेमोक्रेटिक रिपब्लिक को खतरे में डाल दिया है. उन्होंने यह बात धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर आयोजित सत्र के दौरान यह बात कही.
राहुल ने कहा, ‘आरएसएस की नीति भारत में धार्मिक, निरंकुश राज स्थापित करने की है. भारत में पहली बार एक फासीवादी संगठन संविधान के मूल्यों का खुले तौर पर विरोध कर रहा है.’