मुंबई. इंडोनेशिया के बाली से अरेस्ट हुए अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से मुंबई की नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस पूछताछ करने वाली है. एक अंग्रेजी अखबार की खमाने तो केंद्र सरकार को मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं है. इसलिए राजन को दिल्ली पुलिस के हवाले किया जा सकता है. खास बात यह है कि राजन को भारत लाने के लिए सीबीआई के अलावा दिल्ली पुलिस के ही अफसर बाली पहुंचे हैं.
दूसरी ओर, एक अंग्रेजी वेबसाइट ने खबर दी है कि छोटा राजन को आज यानी मंगलवार को भारत लाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की नजर छोटा राजन के जरिए दाऊद के बारे ज्यादा इन्फॉर्मेशन निकालने पर है. एक अफसर के मुताबिक, भारतीय एजेंसियों की साख दांव पर है. अगर इस मामले में कुछ गड़बड़ी हो जाती है तो इससे दुनियाभर में फैले भारतीय खुफिया एजेंसियों के एजेंटों के हौसले पर असर पड़ेगा. छोटा राजन को भारत लाए जाने के बाद दिल्ली पुलिस उससे मेरिट के आधार पर पूछताछ करेगी.
तरीका भी खोज लिया
जानकारी के मुताबिक, राजन ने 2010 में दिल्ली के एक बिजनेसमैन को अवैध वसूली के लिए फोन किया था. इसके अलावा भी उसके खिलाफ दिल्ली में सात केस दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस के दो अफसर जो बाली में मौजूद हैं, उनके पास इन मामलों से जुड़े दस्तावेज हैं. राजन से इन्हीं मामलों के आधार पर पूछताछ की जाएगी.
मुंबई पुलिस पर सवाल क्यों
सूत्रों के मुताबिक, आमतौर पर देश से बाहर के मामलों को सीबीआई ही देखती है, लेकिन इस मामले में सीबीआई के साथ ही दिल्ली पुलिस को भी लगाया गया है. जबकि राजन के ज्यादातर मामले मुंबई पुलिस से जुड़े हैं. सूत्र बताते हैं कि इंटेलिजेंस एजेंसियों की नजर में मुंबई पुलिस का रिकॉर्ड बहुत साफ-सुथरा नहीं है. मिसाल 2005 के एक सीक्रेट ऑपरेशन की दी जाती है. इस ऑपरेशन में छोटा राजन के गुर्गे विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशना को साथ लेकर इंटेलिजेंस एजेंसियां ‘एक बड़ा काम’ करने वाली थीं, लेकिन मुंबई पुलिस ने कथित तौर पर डी-कंपनी से टिप मिलने के बाद इस ऑपरेशन में अड़ंगा लगा दिया था. यह भी तब किया गया जबकि ऑपरेशन में शामिल अफसरों ने मुंबई पुलिस को बताया था कि वे खुफिया एजेंसियों के इशारे पर यह काम कर रहे हैं.
इसी साल बातचीत हुई थी टेप
इसी साल जुलाई में दिल्ली पुलिस ने छोटा शकील और राजन के तीन गुर्गों के बीच बातचीत टेप की थी. इसमें मुंबई के एक हवाला ऑपरेटर का भी जिक्र था. इसी ऑपरेटर ने छोटा राजन की ऑस्ट्रेलिया में लोकेशन बताई थी. बताया जाता है कि इस इंटरसेप्शन को हाई लेवल तक पहुंचाया गया था.खास बात यह है कि किसी तरह शकील के प्लान की जानकारी राजन तक पहुंच गई और उसकी जान बच गई. दिल्ली पुलिस की टीम में डीसीपी प्रमोद कुशवाह और इंस्पेक्टर राहुल हैं. दिल्ली पुलिस 1999 में फरीद तनाशा और 2011 में ओपी सिंह को अरेस्ट कर चुकी है। ये दोनों ही राजन के गुर्गे हैं.