दलित पहले सवर्ण थे, मुसलमानों ने बनाया ऐसा: BJP प्रवक्ता

बीजेपी नेता इन दिनों विवादित बयानों का एक रिकॉर्ड कायम करने की तरफ बढ़ रहे हैं. इस बार बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिजय सोनकर शास्त्री ने कहा है कि आज दलित कहे जाने वाले लोग कभी उच्च जाति के थे. आज दलित कहे जाने वाले लोगों को मध्यकाल में "अस्वच्छ कामों" की ओर ढकेल दिया गया क्योंकि इन लोगों ने मुस्लिम आक्रान्ताओं के सामने सिर झुकाने और मुसलमान बनने से इनकार कर दिया था.

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दलित पहले सवर्ण थे, मुसलमानों ने बनाया ऐसा: BJP प्रवक्ता

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  • October 29, 2015 6:34 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. बीजेपी नेता इन दिनों विवादित बयानों का एक रिकॉर्ड कायम करने की तरफ बढ़ रहे हैं. इस बार बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिजय सोनकर शास्त्री ने कहा है कि आज दलित कहे जाने वाले लोग कभी उच्च जाति के थे. आज दलित कहे जाने वाले लोगों को मध्यकाल में “अस्वच्छ कामों” की ओर ढकेल दिया गया क्योंकि इन लोगों ने मुस्लिम आक्रान्ताओं के सामने सिर झुकाने और मुसलमान बनने से इनकार कर दिया था.
 
एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में शास्त्री ने कहा कि मध्यकाल में कुछ ब्राह्मणों और क्षत्रियों ने तय किया कि वे मुस्लिम धर्म नहीं ग्रहण करेंगे चाहे उन्हें मार ही क्यों न डाला जाए. ऎसे में मुस्लिम आक्रान्ताओं ने उनका स्वाभिमान, धर्माभिमान और राष्ट्राभिमान नष्ट करने के लिए उन्हें मल उठाने और चमड़े से जुड़े काम करने को मजबूर कर दिया. यही लोग आगे चलकर अनुसूचित जाति के कहलाए.
 
शास्त्री ने कहा कि दलित की जब बेइज्जती की जाती है तो वे दुखी क्यों होते हैं. उन्हें तो आत्मसम्मान के साथ रहना चाहिए. उल्लेखनीय है कि शास्त्री खुद एक दलित नेता है और कुछ दलित जातियों पर किताब भी लिख चुके हैं. सोनकर अस्पृश्यता पर डॉ भीमराव अंबेडकर के नजरिए से सहमत नहीं है. अंबेडकर ने कहा था कि अस्पृश्यता की शुरूआत 400 ईस्वी में हुई जब गौमांस पर बैन लगा दिया गया और गौमांस खाने वालों को अछूत करार दे दिया गया.
 
जनजातियों के बारे में सोनकर का कहना है कि यह ऎसे ब्राह्मण और क्षत्रिय थे जो मुस्लिम धावों के बाद पीछे हट गए. उनका कहना है कि हिंदुओं ने दलितों के संदर्भ में स्वच्छता और पवित्रता के फर्क करने में भूल की. स्वत्रछता बाहरी वस्तु है जबकि पवित्रता अंदरूनी वस्तु है.
 

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