NSA डोभाल बोले, पाकिस्तान सुधरे नहीं तो होंगे बुरे नतीजे

नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने इस बार पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी है. डोभाल ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ छिपकर किए जाने वाले एक्शंस या आतंकवाद को बढ़ावा देने से बचे नहीं तो बुरे नतीजे सामने आ सकते हैं. पाकिस्तान को इस बात का एहसास नही है कि उसकी आर्थिक तरक्की और स्थायित्व के लिए ऐसा करना बेहद फायदेमंद और असरदार साबित हो सकता है.

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NSA डोभाल बोले, पाकिस्तान सुधरे नहीं तो होंगे बुरे नतीजे

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  • October 28, 2015 4:37 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने इस बार पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी है.  डोभाल ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ छिपकर किए जाने वाले एक्शंस या आतंकवाद को बढ़ावा देने से बचे नहीं तो बुरे नतीजे सामने आ सकते हैं. पाकिस्तान को इस बात का एहसास नही है कि उसकी आर्थिक तरक्की और स्थायित्व के लिए ऐसा करना बेहद फायदेमंद और असरदार साबित हो सकता है. 
 
डोभाल ने कहा, ”जब तक ऐसा नहीं होता, भारत क्या कर सकता है. मेरे हिसाब से बस यही कि हम लगातार नेकनीयती के साथ पाकिस्तान को मनाते रहें. पाकिस्तान जो जुबान समझता है, उसी में हम उसे समझाएंगे. हमें उसे राजी करना ही होगा.” डोभाल मंगलवार शाम इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित Ensuring peace in South Asia: Role of India सब्जेक्ट पर बोल रहे थे. डोभाल के मुताबिक, अधिकतर साउथ एशियन देशों में सुरक्षा से जुड़े खतरे आंतरिक वजहों से हैं.
 
आतंकवाद पर बोलते हुए डोभाल ने कहा, ”सिर्फ यही एक ऐसा खतरा है, जिसने एशिया के सभी देशों में पांव जमा लिया है. असल समस्या यह है कि इसकी पैदाइश कहां हुई है, यहां कहां पल-बढ़ रहा है. जहां यह सब कुछ हो रहा है, वो भी साउथ एशियाई क्षेत्र का मेंबर है.” डोभाल का इशारा पाकिस्तान की ओर था.
 
डोभाल ने कहा, ”इस्लामिक टेररिज्म और जिहादी टेररिज्म सबसे कॉमन खतरा है. इससे बांग्लादेश, अफगानिस्तान, इंडिया, पाकिस्तान, श्रीलंका सभी प्रभावित हैं. यह एक ऐसी समस्या है, जिस पर हमें आपसी सहयोग की जरूरत है. हालांकि, अफगानिस्तान और पाकिस्तान इसके केंद्र बनते जा रहे हैं. पाकिस्तान इस समस्या का हिस्सेदार है, लेकिन वो कभी इसके हल का हिस्सा नहीं बन पाया.”
 
डोभाल ने कहा कि पाकिस्तान ने कुछ ऐसे आतंकी ग्रुप्स के खिलाफ एक्शन लिया है, जिससे पश्चिमी देशों के सुरक्षा हितों को खतरा है. हालांकि, भारत को निशाना बनाने वाले लश्कर, जमात उद दावा, हरकत उल अंसार और हरकत उल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों को उसका समर्थन मिल रहा है. 

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