Categories: राजनीति

शिवसेना के बयान पर ‘आप’ भड़की, शिवसेना के सुर नरम

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) ने मुस्लिमों के वोटिंग अधिकार पर की गई टिप्पणी को लेकर शिवसेना और उसके मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है.
 
आप ने जारी एक बयान में आरोप लगाया कि लेख का उद्देश्य ‘‘सस्ता प्रचार’’ हासिल करना और समुदायों के बीच ‘‘घृणा’’ फैलाना है. आप ने कहा कि महाराष्ट्र की भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार को ‘‘संजय राउत और शिवसेना के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने बाद राउत को तत्काल गिरफ्तार कर लेना चाहिए.’’

आपको बता दें कि शिवसेना ने रविवार को अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में मुसलमानों से मताधिकार वापस लेने की बात कही. तर्क दिया कि इससे मुस्ल‍िम वोट बैंक की राजनीति खत्म होगी. हालांकि जब विवाद गहराया तो पार्टी ने लेख पर नरम रुख भी अख्तियार कर लिया. शिवसेना की विधान परिषद सदस्य और प्रवक्ता नीलम गोरे ने कहा, ‘लेख में यह कहने का प्रयास किया गया है कि जीवन के हर क्षेत्र में विकास के लिए जरूरी है कि कुछ नेता तुष्टीकरण की राजनीति को छोड़ें क्योंकि यह मुस्लिमों के हित में नहीं है. ये लोग समुदाय की वास्तव में मदद किए बिना उन्हें केवल गुमराह कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अगर राजनीति के लिए मुसलमानों का केवल इस तरह से इस्तेमाल किया जाता है तो उनका कभी विकास नहीं हो सकता. जब तक मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल होते रहेंगे, उनका कोई भविष्य नहीं होगा और इसलिए बालासाहब ने एक बार कहा था कि मुस्लिमों के मतदान के अधिकार को वापस लिया जाए.’

निजी फायदे के लिए मुस्लिमों का इस्तेमाल
पार्टी ने स्पष्ट किया कि शि‍वसेना तुष्टीकरण की राजनीति और मुस्लिम महिलाओं के बुनियादी अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ है. गोरे ने कहा, ‘लेख में ऐसा नहीं चाहा गया है कि मुस्लिमों के मताधिकार को छीन लिया जाए, लेकिन ओवैसी जैसे लोगों के लिए मुस्लिमों की महरम रहने की भावना को पोषित करते रहना ठीक नहीं है. वे समग्र विकास से महरूम रहे हैं और निजी फायदों के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है और उन्हें गुमराह किया जा रहा है. शिवसेना सांसद और सामना के संपादक संजय राउत तुष्टीकरण की इस राजनीति का विरोध कर रहे हैं.’

प्रवक्ता ने कहा कि लेख को समग्र नजरिए से देखा जाना चाहिए और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘शिवसेना में सभी जातियों के लोग काम कर रहे हैं. हम मुस्लिमों के नाम पर की जा रही द्वेषपूर्ण राजनीति के खिलाफ रहे हैं.’ नीलम गोरे ने कहा कि बाबासाहब अंबेडकर जैसे लोगों के संघर्ष के कारण और लोकतांत्रिक देश के समग्र विकास के कारण हिंदू महिलाओं के लिए कानूनों में बदलाव होते रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम महिलाएं इससे भी वंचित रहीं हैं, जब मैं महिला नेत्री के तौर पर इस विषय को देखती हूं तो मुझे लगता है कि महिलाओं को लैंगिक पूर्वाग्रह से जुड़े कानूनों के दायरे में लाने के बजाय इन कानूनों को बदलना चाहिए.

admin

Recent Posts

आईपीएल मॉक ऑक्शन में पंजाब ने लगाया सबसे बड़ा दांव, जानिए कौन सा खिलाड़ी कितने में बिका

आज आईपीएल 25 के लिए चल रहे  मॉक ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने सबसे ऊंची…

4 hours ago

शादी में खाने के लिए बारातियों का हो गया झगड़ा, अस्पताल पहुंचे मेहमान

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक ऐसी शादी की घटना सामने आई है, जहां…

4 hours ago

मनोज बाजपेयी ने इस फिल्म किया मुफ़्त में काम, जानें ऐसी क्या मजबूरी

फिल्म निर्माता सुभाष घई हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक मनोज बाजपेयी…

4 hours ago

आईपीएल मॉक ऑक्शन में श्रेयश अय्यर पर पैसो की हुई बारिश, KKR ने खेला दांव

अय्यर के शतक जड़ते ही आईपीएल मॉक औक्सन में उनकी किस्मत चमक गई. आईपीएल 2025…

4 hours ago

Gmail Storage Full? जानें कैसे बिना पैसे खर्च किए पाए फ्री स्पेस

जीमेल यूजर्स को Google Photos, Gmail,Google Drive और बाकी सर्विसेस के लिए 15GB का फ्री…

4 hours ago

EVM का खेल है बाबू भैया…एजाज खान को 155 वोट मिले, करारी हार पर दिया रिएक्शन

हाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अभिनेता एजाज खान मुंबई की वर्सोवा सीट से चुनाव लड़ रहे…

5 hours ago