गांधीनगर. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मारक पर काम शुरू करने के लिए हजारों चीनी श्रमिक इस साल के अंत तक गुजरात पहुंचेंगे. बता दें कि सरदार पटेल के स्टैच्यू का निर्माण कार्य नर्मदा जिले के साधुबेट में होना है, जिसके लिए चीनी श्रमिक साल के अंत तक पहुंच जाएंगे. सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ को चीन बना रहा है.
बताया जा रहा है कि देश के जाने-माने मूर्तिकार राम सुतार और अनिल सुतार कुछ दिन पहले ही चीन में बन रही पटेल की मूर्ति के कामकाज का मुआयना कर लौटे हैं. इस मामले में उनके दोबारा से चीन जाने के आसार हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक़, गुजरात सरकार ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि चीनी कंपनी के कॉंट्रेक्टर प्रतिमा के लिए मैटीरियल कहां से लेकर आएंगे इसके लिए कंपनी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.
L&T कंपनी ने मूर्ति बनाने का जिम्मा चीन को दिया
सरदार पटेल का स्मारक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. इसकी ऊंचाई 182 मीटर होगी. लारसन एंड टर्बो कंपनी(L&T) ने गुजरात सरकार से 3000 करोड़ में इस स्मारक को बनवाने का कॉंट्रेक्ट किया था.
L&T कंपनी ने मूर्ति बनाने का जिम्मा चीन में टी क्यू आर्ट फाउंड्री को सौंपा है जो चीन के नेंचाग में स्थित जियांगसी टोकीन कंपनी का हिस्सा है. हालांकि भारत में 4,600 ढ़लाईघर हैं. इसमें लगभग पांच लाख लोग काम करते हैं. इनमें काम करने वाले लोगों की तादाद में भारत का नंबर चीन के बाद विश्व में दूसरे स्थान पर हैं.
चीन से बनवा रहे हैं सरदार पटेल की मूर्ति: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब चीन से ही भारत के लौह पुरूष की मूर्ति, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनवानी थी तो मेक इन इंडिया का इतना ढोल सरकार क्यों पीट रही है. कांग्रेस ने सवाल पूछा कि क्या देश में हमें अपने नेता की मूर्ति बनाने तक की योग्यता और कार्य कुशलता नहीं है?