नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार खुलकर दादरी पर बोले हैं लेकिन उन्होंने जो बोला अब उसपर बवाल खड़ा हो गया है. पीएम मोदी ने आनंद बाज़ार पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा कि दादरी की घटना दुखद है, लेकिन साथ ही सवाल किया कि इसमें केंद्र सरकार का क्या रोल है?
जानिए मोदी के बयान के बाद किसने क्या कहा:
शकील अहमद, कांग्रेस महासचिव
शकील अहमद ने कहा कि पीएम मोदी की कथनी और करनी में फर्क है. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं. पीएम कहते हैं एक बनो नेक बनो, जबकि इनके सहयोगी सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं और करवाते हैं. और इस पर पीएम का पूरा सहयोग है.”
मोहम्मद सलीम, सीपीएम नेता
मोहम्मद सलीम का कहना है कि खुद पीएम ने लालकिले से कहा था कि इस तरह के मुद्दों पर दस साल तक बात नहीं होगी, लेकिन जब संगीत सोम, आरएसएस के लोग ऐसी बातें करते हैं, कलबुर्गी की हत्या होती है पीएम खामोश क्यों रहते हैं? पीएम इतना बोलते हैं, हर जगह बोलते हैं, विदेश में बोलते हैं, तब दिल्ली से चंद मील की दूरी पर स्थित दादरी की घटना पर बोलने में उन्हें 15 दिन क्यों लग गए?
नलिन कोहली, बीजेपी नेता
बीजेपी नेता नलिन कोहली से जब पूछा गया कि मोदी ने कहा कि इसमें केंद्र की भूमिका क्या है? क्या ये पीएम की लाचारगी है तो उन्होंने कहा, “इसमें कोई लाचारगी नहीं है, जो काम केंद्र के दायरे में आएगा केंद्र करेगा और जो काम राज्य के दायरे में हैं मोदी संविधान के विरोध जाकर हस्तक्षेप तो नहीं करेंगे. ये संभव नहीं, उचित नहीं है, ऐसा होगा भी नहीं. मोदी ने बार बार कहा कि वे देश के सवा सौ करोड़ के पीएम हैं.”
अबु आसिम आजमी, समाजवादी पार्टी
अबु आसिम आजमी ने पीएम मोदी की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा, “देश दुनिया में सबका साथ सबका विकास का ढींढ़ोरा पीटने वाले मोदी की नाक के नीचे दादरी में इतनी बड़ी घटना हो गई, लेकिन एक शब्द नहीं कहा.मोदी के दूसरे लोग जो बोल रहे हैं, उसे मोदी की जुबान ही कहा जाएगा ना?”
दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव
दादरी कांड पर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “यदि मोदी दादरी की घटना से दुखी है तो जिन भाजपा नेताओं ने दादरी की घटना का अप्रत्यक्ष समर्थन किया है उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही क्यों नहीं करते?”
केसी त्यागी, जेडीयू नेता
केसी त्यागी ने मोदी के उस आरोप को नकार दिया जिसमें पीएम ने दादरी के बहाने विपक्ष पर ध्रुवीकरण की राजनीति का लगाया है. त्यागी ने कहा, “लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फनगर में ध्रुवीकरण का फायदा किसे मिला? अब यूपी में पंचायत चुनाव हैं, अब दादरी की घटना को पटना भेजने की कोशिश की जा रही ताकि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया जा सके. इसमें किसका फायदा होता.”