जानकार मान रहे हैं कि भारत सरकार ने ऐसी तीखी प्रतिक्रिया दशकों बाद दी है. भारत का यह रुख ऐसे वक्त में सामने आया है, जब पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने कश्मीर को लेकर एक बार फिर पुराना राग अलापा है. यूएन में दिए अपने भाषण में नवाज शरीफ ने कहा कि वह आतंकवाद से खुद पीड़ित है. कश्मीर से सेना हटाए जाने की जरूरत है और यहां के लोगों को उनका हक दिया जाए.<
क्या बोला भारत
शरीफ ने अपने बयान में कहा था, ”कश्मीरियों की कई पीढ़ियों ने कब्जे वाले दिनों में जिंदगी गुजार दी.” स्वरुप ने कहा, ”पाकिस्तानी पीएम विदेशी कब्जे की बात कह रहे होंगे. कब्जा करने वाले की गलती. हम पाक अधिकृत कश्मीर को जल्द से जल्द खाली करने की मांग करते हैं.” स्वरुप ने कहा कि कश्मीर से सेना हटाना नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद खत्म करना सही रास्ता है. उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान आतंकवाद का नहीं, बल्कि अपनी नीतियों का पीड़ित है. हकीकत में यह आतंकवाद का बड़ा स्पॉन्सर है. पाकिस्तान की अस्थिरता की वजह इसका आतंकियों को पैदा करना है. पड़ोसियों पर दोष मढ़ना किसी चीज का हल नहीं है.” बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी गुरुवार को शरीफ के बयान का जवाब दे सकती हैं.
पाकिस्तान अपने रुख पर कायम
पाक भले ही खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताता रहा हो, लेकिन इसकी जमीन टेररिस्ट्स की पनाहगार है, यह बात किसी से छिपी नहीं है. यूएन और अमेरिका की ओर से आतंकी संगठन घोषित किए गए कई ग्रुप यहां बरसों से एक्टिव हैं. अमेरिका पर हुए 9/11 के हमले का मास्टमाइंड ओसामा बिन लादेन आखिरकार पाकिस्तान की जमीन पर ही मारा गया. भारत में मुंबई पर हुए 26/11 के हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद और लश्कर का कमांडर जकीउर रहमान लखवी पाकिस्तान में पनाह पाए बैठे हैं. हाल ही में भारत में जिंदा पकड़े गए दो आतंकियों ने खुद को पाकिस्तान बताया था. इसके बावजूद, पाकिस्तान इंटरनेशनल कम्युनिटी के सामने खुद को विक्टिम बताता रहता है.