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RSS प्रमुख भागवत फिर बोले, जाति आधारित न हो आरक्षण

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण पर दिए अपने विवादित बयान पर अटल हैं. बिहार चुनाव में विरोधी भले ही भागवत के बयान को मुद्दा बना रहे हों लेकिन कुल्लू में कथित तौर पर उन्होंने फिर दोहराया है कि आरक्षण जाति नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे अगर किसी को आपत्ति है तो होती रहे.

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  • September 25, 2015 9:19 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण पर दिए अपने विवादित बयान पर अटल हैं. बिहार चुनाव में विरोधी भले ही भागवत के बयान को मुद्दा बना रहे हों लेकिन कुल्लू में कथित तौर पर उन्होंने फिर दोहराया है कि आरक्षण जाति नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे अगर किसी को आपत्ति है तो होती रहे.
 
भागवत ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि हर दस साल में आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा हो नहीं रहा. आरक्षण पर एक बार चर्चा जरूरी है. उन्होंने ये भी कहा कि आरक्षण देना संघ नहीं सरकार का काम है. नीति बनाना और सरकार को चलाने का रिमोट कंट्रोल हमारे हाथ में नहीं है.
 
भागवत हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक देव समाज से जुड़े प्रतिनिधियों और पुजारियों की संगोष्ठी में आये थे. इस आयोजन में करीब जिले के 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. मीडिया को तो इस आयोजन में नहीं जाने दिया गया लेकिन आयोजन के बाद कुल्लू सदर के विधायक और कुल्लू जिला देव सामाज अहम भूमिका रखने वाले महेश्वर सिंह ने इस आयोजन के बारे मीडीया को बताया की अंदर चर्चा में भागवत ने भी माना की आरक्षण पर चर्चा होनी जरुरी है.

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