Advertisement
  • होम
  • राजनीति
  • WhatsApp पर मचा बवाल, ड्राफ्ट पॉलिसी से पीछे हटी सरकार

WhatsApp पर मचा बवाल, ड्राफ्ट पॉलिसी से पीछे हटी सरकार

सरकार की तरफ से वॉट्सऐप, स्नैपचैट और गूगल हैंगआउट्स जैसे मैसेंजर से इन्क्रिप्टेड मैसेज डिलीट करने को गैरकानूनी बनाने के फैसले पर बवाल मचने के बाद सरकार इस फैसले से पीछे हट गई है.

Advertisement
  • September 22, 2015 4:04 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. सरकार की तरफ से वॉट्सऐप, स्नैपचैट और गूगल हैंगआउट्स जैसे मैसेंजर से इन्क्रिप्टेड मैसेज डिलीट करने को गैरकानूनी बनाने के फैसले पर बवाल मचने के बाद सरकार इस फैसले से पीछे हट गई है.

टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने मीडिया को बताया कि ये जिम्मेदारी सिर्फ इंटरनेट बेस्ड मैसेजिंग सर्विस देने वाली कंपनियों पर होगी. कोई नियम नहीं बनाया गया है. सिर्फ राय मांगी गई है. सरकार की तरफ से ये सफाई भी दी गई कि ड्राफ्ट पॉलिसी में सोशल मीडिया साइट्स और मैसेजिंग ऐप्स को छूट दी जाएगी.

क्या है मामला ?

सरकार चाहती थी कि आपको 90 दिन पुराने रिसीव्ड मैसेज प्लेन टेक्स्ट में सेव करके रखने पड़ें ताकि किसी भी इन्वेस्टिगेशन की स्थिति में पुलिस को ये टेक्स्ट दिखाने भी पड़ें. सरकार की इस नई ड्राफ्ट पॉलिसी पर सोमवार शाम को बवाल मच गया था. सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया.

सरकार नेशनल सिक्युरिटी के मकसद से इन्क्रिप्शन पॉलिसी बदलना चाहती है. सरकार किसी भी क्राइम की जांच के दौरान पर्सनल ईमेल, मैसेज और यहां तक कि प्राइवेट बिजनेस सर्वर तक सिक्युरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसियों का एक्सेस चाहती है.

इन्क्रिप्टेड मैसेजस का इस्तेमाल पहले मिलिट्री या डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन में होता था. लेकिन कई इंटरनेट बेस्ड मैसेजिंग सर्विसेस देने वाली कंपनियां अब आम यूज़र्स के लिए इन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करने लगी हैं.

 

Tags

Advertisement