नई दिल्ली. आरक्षण पर पुनर्विचार के लिए एक समिति बनाए जाने संबंधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान से अपने को अलग करते हुए बीजेपी ने आज कहा कि वह अनुसूचित जाति, जन जाति और पिछड़े वगो’ के आरक्षण के अधिकारों का शत प्रतिशत सम्मान करती है. पार्टी ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर पुनर्विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है और न ही बीजेपी ऐसी किसी मांग का समर्थन करती है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में शाम को बुलाए संवददाता सम्मेलन में कहा, ‘जनसंघ के समय से बीजेपी की यह दृढ़ प्रतिबद्धता रही है कि सामाजिक एवं आर्थिक विकास एवं सशक्तिकरण के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़े वगो’ के लिए आरक्षण आवश्यक है. बीजेपी इन वर्गो को दिए गए आरक्षण पर किसी तरह के पुनर्विचार के पक्ष में नहीं है.’ प्रसाद ने कहा कि इस बात पर चर्चा का स्वागत है कि गरीबों और ऐसे पिछड़े वगो’ में जो वर्ग विकास के लाभ पाने से वंचित रह गए हैं उनके लिए और क्या किया जा सकता है. उन्होंने हालांकि कहा कि भाजपा वर्तमान सभी आरक्षण लाभों को जारी रखने के पक्ष में है.
रविशंकर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर भाजपा इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट है कि आरक्षण के मुद्दे पर पुनर्विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है और न ही भाजपा ऐसी किसी मांग का समर्थन करती है.’ भागवत ने संघ के मुखपत्र पांचजन्य और आर्गेनाइजर में दिए इंटरव्यू में कहा है आरक्षण नीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है. उनका कहना है कि आरक्षण का राजनीतिक उपयोग किया गया है और सुझाव दिया कि ऐसी अराजनीतिक समिति गठित की जाए जो यह देखे कि किसे और कितने समय तक आरक्षण की जरूरत है.