नई दिल्ली: 8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरे होने पर सत्ताधारी पार्टी इसके फायदे गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. बीजेपी के ट्विटर हैंडल से अलग-अलग कई वीडियों जारी किए गए हैं जिसमें ये बताने का प्रयास किया गया है कि कैसे नोटबंदी ने देश के भ्रष्ट नेताओं की कमर तोड़ दी. इसके साथ-साथ वीडियो में ही नोटबंदी के फायदे बताए गये हैं. अलग-अलग वीडियो में नेता, आतंकवादी, कॉरपोरेट वगैरह को टार्गेट किया गया है. आखिरी में मीडिया वाले को भी टारगेट किया गया है. पहले शॉर्ट वीडियो में एक आर्टिस्ट को भ्रष्ट नेता का रूप देकर नोटबंदी पर उसकी पीड़ा और भड़ास दिखाई गई है कि नोटबंदी के बाद भ्रष्ट नेताओं का क्या हाल था. इस वीडियो में आर्टिस्ट (भ्रष्ट नेता) बोल रहा है कि ये क्या गरीब-गरीब लगाए रखे हैं. हमारी भी फैमिली है. हम राजनीतिज्ञ हैं कोई भगवान नहीं. जो कुछ बचा हुआ था 200-500 करोड़ का वो भी तुम लोग ले गए. नेता की भड़ास के बाद उसी वीडियो में ऑडियो और टेक्स की सहयता से नोटबंदी के फायदे भी बताए गए हैं. बीजेपी ट्विटर हैंडल से शेयर किए छह वीडियो में
इस वीडियो में बताया गया है कि 8 नवंबर 2016 को देश में पहली बार कालेधन के खिलाफ इतना बड़ा फैसला लिया गया. देश ने 99 प्रतिशत कैश बैंकिंग सिस्टम में लौटा, इस तरह से काले धन के आकाओं का नाम पता और ठिकाना मिला. वीडियो के अंत में आर्टिस्ट जो भ्रष्ट नेता की रोल में है वो कह रही है कि पावर में आने दे फिर देख देश भक्ति बहुत ही महंगी पड़ेगी. इसी तरह अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग तरह से वीडियो को पेश किया गया है. दूसरे वीडियो में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद आतंकियों के हौसले को कैसे चोट पहुंची. किस तरह से उनके सारे बने-बनाए प्लान चौपट हो गए हैं. दूसरे वीडियो में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद कश्मीर में पत्थरबाजी की घटना में 75 प्रतिशत तक की कमी आई है. नक्सली हमले भी 20 प्रतिशत कम हुए हैं.
तीसरे वीडियो में बताया है कि कैसे नोटबंदी के देश की सवा दो लाख शेल कंपनियां और करोड़ों की बेनामी संपत्ति पकड़ी गई. तीसरे वीडियो में ये बताने का प्रयास किया गया है कि नोटबंदी के ऐलान के बाद बेनामी संपत्ति रखनों वालों की क्या हाल थे. पैसे होने के बाद भी हाथ खाली था. वीडियो में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद सरकार ने शेल कंपनियों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया और करोड़ों की बेनामी संपत्ति को घेरे में लिया.
चौथे वीडियो में बताया गया है नोटबंदी के बाद कैसे दलालों को मिर्ची लगी जबकि गरीबों और श्रमिकों का कल्याण हुआ. नोटबंदी के बाद 50 लाख श्रमिकों के बैंक खाते खुले. उनका वेतन सीधा बैंक में ाने लगा. एक करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को पीएफ बचन शुरू हो गई. 1 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को बीमा और आरोग्य सुविधाएं मिलने लगीं. पांचवें वीडियो में जाली नोटों के धंधे का जिक्र किया गया है कि नोटबंदी के बाद जाली नोटों के धंधे करने वालों का क्या हाल हो गया था. जबकि इसके 6वें वीडियो में ये दिखाया जा रहा है कि कैस कुछ लोग जबरन गरीबों को गुमराह करने में लगे हुए हैं. जो न चाहते हुए भी उनको जबरन नोटबंदी का विरोध करवाने का प्रयास किया जा रहा है.