Categories: राजनीति

Himachal Pradesh Assembly Elections 2017: वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल अपनी पुरानी सीट छोड़ नई सीट से क्यों लड़ रहे हैं ?

नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 का चुनावी मैदान पूरी तरह से सज चुका है. बीजेपी ने इस चुनावी मैदान में जीत का परचम लहराने के लिए अपने सभी बेस्ट उम्मीदवारों को उतार दिया है. बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के लिए पीएम मोदी और अमित शाह सहित केंद्रीय इकाई से विचार-विमर्श कर 68 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. ये चुनाव इस बार कांग्रेस और बीजेपी के लिए कांटे की टक्कर होगी. क्योंकि भाजपा अभी कांग्रेस मुक्त उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रही है. इस क्रम में बीजेपी पूरी तरह से चाहेगी कि हिमाचल में कांग्रेस की वीरभद्र सरकार को किसी तरह सत्ता से बेदखल किया जाए. इस बार के चुनाव को सीएम वीरभद्र सिंह और भाजपा के प्रेम कुमार धूमल ने दिलचस्प बना दिया है.
इस बार का हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास है. ये खास इसलिए भी है क्योंकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस बार अपनी पुरानी सीट से नहीं लड़ने वाले हैं. पिछले चुनाव में सीएम वीरभद्र सिंह शिमला रुरल से चुनाव लड़े थे और करीब 20 हजार वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी. मगर अब संभावना ये जताई जा रही है कि सीएम वीरभद्र सिंह इस बार अपने पुराने सीट को छोड़ सोलन जिले के अर्की विधानसभा सीट से लडेंगे. हालांकि, शुरू में ये भी अटकलें थीं कि सीएम वीरभद्र सिंह ठियोग विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं. इस बार अर्की विधानसभा से बीजेपी ने रतन सिंह पाल को टिकट दिया है.
वहीं, बीजेपी सांसद और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके प्रेम कुमार धूमल को भी बीजेपी ने उनकी पुरानी सीट छुड़वा कर नई सीट से उतारा है. इस बार के चुनाव में प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. प्रेम कुमार धूमल पिछले विधानसभा चुनाव 2012 में हमीरपुर विधानसभा से लड़े थे और 9 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. बता दें कि प्रेम कुमार धूमल भाजपा सांसद और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के पिता हैं और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस बार धूमल के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि कांग्रेस की सत्ता वाली सीट सुजानपुर को बीजेपी के पाले में करना.
इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों की नीति कुछ एक तरह की दिख रही है. दोनों पार्टियां ज्यादा से ज्यादा सीट जीतना चाहती है. इसलिए ये दोनों पार्टियां चाहती हैं कि जहां पार्टी कमजोर पड़ रही है, वहां से ऐसे कैंडिडेट को उतार जाए, जो पार्टी को जीत दिला सके. इस लिस्ट में वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल दोनों का नाम है. क्योंकि ये दोनों इस चुनाव में नई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. शुरू में वीरभद्र सिंह ने ठियोग विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, मगर भाजपा की तरफ से मिल रही जोरदार टक्कर को देखते हुए वीरभद्र सिंह ने अपना विचार बदल दिया और उन्होंने अर्की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया. बता दें कि अभी ठियोग विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है और वहां से विद्या विधायक हैं.
वीरभद्र सिंह के नई जगह से चुनाव लड़ने की सबसे बड़ी वजह उनके बेटे हैं. वीरभद्र सिंह अपने बेटे का पोलिटिकल डेब्यू करा रहे हैं. शिमला रूरल से अच्छे वोटों की मार्जिन से जीतने के बावजूद सीएम वीरभद्र सिंह इस लिए नई जगह से चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि वो अपनी सुरक्षित सीट को अपने बेटे विक्रमादित्या के लिए छोड़ रहे हैं. वीरभद्र चाहते हैं कि उनके बेटे की राजनीतिक डेब्यू खराब न हो और इस सुरक्षित सीट से विक्रमादित्य जीत कर विधानसभा पहुंच जाएं.
वहीं, प्रेम कुमार धूमल को बीजेपी ने हमीरपुर के बदले सुजानपुर सीट का टिकट इसलिए दिया है क्योंकि हमीरपुर सीट पर बीजेपी पहले से है और सुजानपुर पर कांग्रेस का कब्जा है. वहां बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं है. यही वजह है कि सुजानपुर सीट को बीजेपी अपने पाले में लाने के लिए अपने कद्दावर नेता प्रेम कुमार धूमल को हमीरपुर की जगह सुजानपुर से टिकट दिया है. बीजेपी को ऐसा लगता था कि वो सुजानपुर विधानसभा की सीट नहीं निकाल पाएगी और बीजेपी नहीं चाहती कि किसी तरह से हमीरपुर जिले की एक भी सीट कांग्रेस के पाले में जाए. इसलिए बीजेपी ने सुजानपुर सीट की जीत को पक्की करने के इरादे से अपने सबसे कद्दावर नेता प्रेम कुमार धूमल को चुनावी मैदान में उतारा है.
बता दें कि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुजानपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, 2014 में सुजानपुर सीट के लिए उप चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ये सीट जीत ले गई. कांग्रेस के राजेंद्र राणा ने उप चुनाव में जीत दर्ज की थी. अब राजेंद्र राणा को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने प्रेम कुमार धूमल के रूप में अपना बेस्ट दांव खेला है.
हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस की ओर से वीरभद्र सिंह का नाम मुख्यमंत्री के लिए तय है. मगर बीजेपी की ओर से सीएम कैंडिडेट के नाम की घोषणा नहीं की गई है. हालांकि, ऐसी अटकलें हैं कि प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा दोनों में से एक के नाम पर सहमति बन सकती है. बता दें कि हिमाचल में एक ही चरण में 9 नवंबर को मतदान होगा जबकि नतीजे करीब डेढ़ महीने बाद 18 दिसंबर को आएंगे.
ये भी पढ़ें-
वीडियो-
admin

Recent Posts

रील बना रहे थे फिल्मी स्टाइल में, मौत को दिया दावत, रौंदते हुए निकली कार, वीडियो वायरल

वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग बिना किसी सेफ्टी के हाईवे पर…

1 minute ago

केजरीवाल के खिलाफ खुलकर सामने आई कांग्रेस, माकन ने कहा- ये फर्जीवाल हैं

दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग ने बुधवार-25 दिसंबर की सुबह अखबारों में…

5 minutes ago

अमेरिका में गूगल के खिलाफ केस, सुनवाई में एंटी-ट्रस्ट मामले में एप्पल ने पल्ला झाड़ा

सर्च इंजन को लेकर एप्पल और गूगल के बीच एक अहम कॉन्ट्रैक्ट है। इसके तहत…

16 minutes ago

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की लगी वाट, वोट बैंक का खुला राज, जनता ने बताया BJP की B टीम

आकाश आनंद ने राहुल और प्रियंका गांधी पर तीखा हमला बोला है. आकाश आनंद ने…

20 minutes ago

छाती पीट लें या सिर… 100 साल तक हिंदुस्तान को कोई नहीं रोक सकता- कुमार विश्वास

लखनऊ : आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती है। इस मौके पर…

50 minutes ago

जम्मू-कश्मीर में CM उमर के राजशाही ठाठ! सरकारी पैसे से खरीदेंगे 3 करोड़ की कार

बताया जा रहा है कि 8 में से 4 गाड़ियों दिल्ली में रखी जाएंगी। सीएम…

57 minutes ago