जेटली को यशवंत का तीखा पलटवार, मुझे लोकसभा सीट खोजने में 25 साल नहीं लगे

पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली पर '80 साल के जॉब उम्मीदवार' तंज पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अरुण जेटली की तरह लोकसभा सीट खोजने में 25 साल नहीं लगे.

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जेटली को यशवंत का तीखा पलटवार, मुझे लोकसभा सीट खोजने में 25 साल नहीं लगे

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  • September 29, 2017 10:07 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली पर ’80 साल के जॉब उम्मीदवार’ तंज पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अरुण जेटली की तरह लोकसभा सीट खोजने में 25 साल नहीं लगे. सिन्हा ने कहा है कि जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी वो मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं. मालूम रहे कि यशवंत सिन्हा झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से लड़ते और जीतते रहे हैं जबकि अरुण जेटली ने राज्यसभा में लंबी पारी खेलने के बाद अमृतसर से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था जो वो कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह से हार गए. एक अंग्रेजी अखबार में यशवंत सिन्हा ने देश की अर्थव्यवस्था के तमाम पहलुओं पर लेख लिखकर कहा था कि जेटली देश के लोगों को करीब से गरीबी दिखाने वाले काम कर रहे हैं.
 
सिन्हा ने कहा कि उन्होंने किसी पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया है. उन्होंने कहा कि जेटली शायद उनकी पृष्ठभूमि भूल गए हैं. उन्होंने राजनीति में दर-दर की ठोकर खाई है. अगर वो नौकरी के आवेदक होते तो शायद वो (अरुण जेटली) पहले स्थान पर ना होते. उन्होंने कहा कि जब मैं राजनीति में आया तो 12 साल की IAS की नौकरी बाकी थी. आडवाणी जी ने कहा था कि कभी पर्सनल अटैक नहीं करना चाहिए. 
 
यशवंत सिन्हा ने जेटली से पूछे ये 10 तीखे सवाल
 
1- दिल्ली में बैठे हवा-हवाई नेता जिनका ग्रासरूट से लगाव नहीं है वो ऐसी ही बात करेंगे. चुनाव क्षेत्र वाले नेता कभी ऐसा नहीं कहेंगे.
 
 
2- मेरे कार्यकाल के दौरान संसद में मुद्रास्फीति पर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि हमने इसे नियंत्रण में रखा था. 
 
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3- पाकिस्तान में पनामा मामला में शामिल होने के कारण प्रधानमंत्री हटा दिया गए. यहां क्या हुआ? अरुण जेटली बताएं कि उन्होंने कितना काला धन वापस लाया?
 
 
5- मैं एक मंत्री के रूप में बेकार था तो वे मुझे विदेश मामलों का मंत्रालय कैसे दे सकते थे?
 
6- रिटायरमेंट के बाद मैं राजनीति में नहीं आया हूं. मैने आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था. इसलिए 80 साल की उम्र में किसी से नौकरी के लिए नहीं बोलने वाला. 
 
7- उन्होंने एक अच्छी तरह से शोध किया हुआ भाषण दिया लेकिन निजी हमलों से बचने के लिए आडवाणी जी की सलाह को नजरअंदाज किया.
 
8- मैं और चिदंबरम कभी दोस्त नहीं रहे हैं. बल्कि अरुण जेटली और चिदंबरम दोस्त रहे हैं.
 
9- मैंने वीपी सिंह की सरकार में मंत्री पद ठुकरा दिया था. जेटली ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री का पद स्वीकार कर लिया जबकि वह लोकसभा में पहुंचे भी नहीं थे. 
 
10- मैं हर सेक्टर पर चर्चा करने को तैयार हूं, हर सेक्टर में गिरावट हो रही है.
 
 
बता दें कि अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला बोला था. सिन्हा ने लेख लिखकर कहा था कि देश के हालात ऐसे हैं कि अब वो चुप नहीं रह सकते. सिन्हा ने कहा था कि जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था का कबाड़ा कर दिया है. अगर वह अब भी चुप रहे तो यह राष्ट्रीय कर्तव्यों के साथ बेईमानी होगी.
 
एक अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में यशवंत सिन्हा ने चरमराती अर्थव्यवस्था को लेकर जेटली पर जमकर निशाना साधा था और सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि आज ना नई नौकरी पैदा हो रही है, ना विकास की गति पहले जैसी है. निवेश सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है और जीडीपी भी बदहाल है.

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