जेटली के तंज पर यशवंत सिन्हा का जवाब, मैंने IAS, मंत्री पद छोड़ा, वित्तमंत्री मुझे नहीं जानते

अब एक बार फिर यशवंत सिन्हा ने जेटली के तंज को जवाब दिया है. शुक्रवार को उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे हवाई नेता जिनका ग्रासरूट से लगाव नहीं है वो ऐसे ही बात करेंगे.

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जेटली के तंज पर यशवंत सिन्हा का जवाब, मैंने IAS, मंत्री पद छोड़ा, वित्तमंत्री मुझे नहीं जानते

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  • September 29, 2017 8:38 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा और मौजूदा वित्तमंत्री अरुण जेटली के बीच तकरार बढ़ते जा रहा है. पहले यशवंत सिन्हा ने सवाल किया फिर अरुण जेटली ने उस पर पलटवार किया. अब एक बार फिर यशवंत सिन्हा ने जेटली के तंज का जवाब दिया है. शुक्रवार को उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे हवाई नेता जिनका ग्रासरूट से लगाव नहीं है वो ऐसे ही बात करेंगे. चुनाव क्षेत्र वाला कभी ऐसा नहीं कहेंगे. यशवंत सिन्हा ने अरुण जेटली पर ऐसे कई वार किए हैं. 
 
यशवंत सिन्हा ने इस तरह दोबारा जेटली पर किया करारा वार
 
1- दिल्ली में बैठे हवाई नेता जिनका ग्रासरूट से लगाव नहीं है वो ऐसे ही बात करेंगे. चुनाव क्षेत्र वाला कभी ऐसा नहीं कहेंगे. यशवंत सिन्हा ने अरुण जेटली से ऐसी ही कई वार किए हैं. 
 
 
2– यशवंत सिन्हा ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान संसद में मुद्रास्फीति पर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि हमने इसे नियंत्रण में रखा था. 
 
3- यशवंत सिन्हा ने कहा कि पाक में पनामा मामला में शामिल होने के कारण  वहां के प्रधान मंत्री हटा दिया गया. यहां क्या किया? अरुण जेटली ने बताएं कि उन्होंने कितना काला धन वापस लाया?
 
 
5- अरुण जेटली के सवालों पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं एक मंत्री के रूप में बेकार था तो वे मुझे विदेश मामलों का मंत्रालय कैसे दे सकते थे?
 
6- रिटायरमेंट के बाद मैं राजनीति में नहीं आया हूं, मैने आईएएस में अपनी पोस्टिंग छोड़ दी थी. इसलिए मैं 80 साल की आयु में नौकरी के लिए नहीं पूछ सकता. 
 
7- यशवंत सिन्हा ने अरुण जेटली के भाषण पर कहा कि उन्होंने एक अच्छी तरह से शोध किया हुआ भाषण दिया लेकिन निजी हमलों से बचने के लिए आडवाणी जी की सलाह को नजरअंदाज किया.
 
 
बता दें कि अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला बोला था. सिन्हा ने कहा था कि सिन्हा ने कहा कि जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था का कबाड़ा कर दिया है. अगर वह अब भी चुप रहे तो यह राष्ट्रीय कर्तव्यों के साथ बेईमानी करने जैसा होगा.
 
एक अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में उन्होंने चरमराती अर्थव्यवस्था को लेकर मौजूदा वित्त मंत्री अरूण जेटली पर जमकर निशाना साधा और सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास की गति पहले जैसी है. इनवेस्टमेंट सबसे निम्न स्तर पर पहुंच चुका है और जीडीपी का भी बुरा हाल है. नई नौकरियां पैदा नहीं हो पा रही हैं. 

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