नई दिल्ली. पिछले दिनों बर्कले के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में राहुल गांधी के वंशवाद के बयान ने एक बार फिर से राजनीति में वंशवाद या भाई-भतीजावाद की बहस छेड़ दी है. भले ही कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति के आरोप लगते रहे हों, मगर आंकड़ें बताते हैं कि वंशवाद की अमरबेल में सिर्फ कांग्रेस या फैमिली पार्टियां ही नहीं, बल्कि बीजेपी भी जकड़ी हुई है.
अगर देश में वंशवादी राजनीति एक चलन है तो इस चलन में कमोबेश सभी पार्टियां में देखा जा सकता है. वंशवाद की पकड़ सिर्फ लोकसभा तक सीमित नहीं है बल्कि वो राज्यों की विधानसभा में भी उतने ही ताकतवर हैं. बड़ी राजनीतिक शक्ति रखने वाले घरानों के लिए भाई-भतीजे को राजनीति के दंगल में उतारना काफी आसान होता है.
अगर आपको भारत में वंशवाद की राजनीति नहीं दिख रही है, तो एक बार जरा इन आंकड़ों पर गौर करें. आप पाएंगे कि इस वंशवाद की राजनीति रूपी गंगा में कमोबेश सभी पार्टियां हाथ साफ करती नजर आती है.
कांग्रेस- सोनिया गांधी इस पार्टी की सर्वेसर्वा हैं. उनके बेटे राहुल गांधी पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और वो अमेठी से सांसद हैं. प्रियंका गांधी पार्टी में प्रत्यक्ष रुप से नहीं हैं, मगर अक्सर वो पार्टी के मामलों में दखल देती रहती हैं.
आरजेडी- राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का परिवार भी राजनीति में वंशवाद का बड़ा उदाहरण है. लालू परिवार से राजनीति में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप और मीसा भारती सक्रिय हैं. इस परिवार से मुख्यमंत्री से लेकर सांसद विधायक तक सभी रह चुके हैं.
लोजपा- इस पार्टी के मुखिया केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान हैं. इस पार्टी की मुख्य कमान परिवार के हाथ में ही है. इस फैमिली पार्टी से बेटे चिराग पासवान सांसद हैं, भाई पशुपति पारस नीतीश सरकार में मंत्री हैं और रामचंद्र पासवान सांसद हैं.
सपा- समाजवादी की कमान कुछ समय पहले मुलायम सिंह के पास थी, मगर अब अखिलेश ही इसके मुखिया हैं. मुलायम सिंह के परिवार के अधिकतर सदस्य राजनीति में ही सक्रिय हैं. अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रह चुके हैं. शिवपाल सिंह विधायक हैं. अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं. राम गोपाल यादव राज्यसभा सांसद हैं.
बसपा- इस पार्टी की मुखिया मायावती हैं. इनके भाई आनंद कुमार को उपाध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान सौंपी गई है.
तृणमूल कांग्रेस- बंगाल की सत्ताधारी पार्टी की मुखिया ममता बनर्जी हैं. पार्टी से ही भतीजा अभिषेक बनर्जी लोक सभा सांसद हैं.
इनेलो- इंडियन नेशनल लोकदल के मुख्य नेता ओम प्रकाश चौटाला हैं, जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इनके परिवार से ही दुष्यंत चौटाला सांसद हैं. अभय चौटाला भी राजनीति में सक्रिय हैं.
बीजेपी-
वसुंधरा राजे- वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री हैं. उनके बेटे दुश्यंत सिंह लोकसभा सांसद हैं. वसुंधरा राजे की बहन यशोधरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश में औद्योगिक मंत्री हैं. वसुंधरा राजे बीजेपी-आरएसएस में अच्छी पकड़ रखने वाले विजया राजे सिंधिया की बेटी हैं.
अनुराग ठाकुर- अनुराग ठाकुर बीजेपी से लोकसभा सांसद हैं. वे हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल के बेटे हैं.
मेनका गांधी- मेनका गांधी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद हैं. ये मोदी सरकार में भी मंत्री हैं. इनके बेटे वरुण गांधी भी यूपी के सुलतानपुर से भाजपा सांसद हैं.
राजवीर सिंह- राजवीर सिंह बीजेपी नेता हैं और मध्य प्रदेश के एटा से सांसद हैं. ये उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के वर्तमान राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे हैं.
परवेश वर्मा- इनके पिता स्वर्गिय साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. परवेश वर्मा दिल्ली से ही बीजेपी सांसद हैं.
पूनम महाजन- महाराष्ट्र में भी प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से बीजेपी की लोक सभा सांसद हैं.
सुषमा स्वराज- सुषमा स्वराज मोदी सरकार में विदेश मंत्री हैं. इनकी बहन वंदना शर्मा हरियाणा से विधानसभा चुनाव हार गई थीं.
बी एस यदुरप्पा- बी एस यदुरप्पा कर्नाटक के पूर्व सीएम रह चुके हैं और वर्तमान में बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं. इनके बेटे राघवेंद्र अभी विधायक हैं.
राजनाथ सिंह- राजनाथ सिंह मोदी सरकार में गृह मंत्री हैं. इनके बेटे पंकज सिंह यूपी बीजेपी के सचिव हैं और विधायक भी हैं.
यशवंत सिंन्हा- बीजेपी नेता यशवंत सिंन्हा केंद्र में वित्त मंत्री रह चुके हैं. अब इनके बेटे जयंत सिन्हा हजारीबाग से बीजेपी सांसद हैं और मोदी सरकार में केंद्रीय विमानन राज्यमंत्री हैं.
पीयूष गोयल- बीजेपी नेता और रेल मंत्री पीयूष गोयल पार्टी के बड़े नेता और पूर्व मंत्री वेद प्रकाश गोयल के बेटे हैं.
आशुतोष टंडन- सीनियर नेता लालजी टंडन के बेटे हैं आशुतोष टंडन. ये यूपी से विधायक हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी हैं.
सुरेंद्र पटवा- बीजेपी नेता सुरेंद्र पटवा विधायक हैं और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेंद्र पटवा पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं.
इस तरह से देखा जाए तो चाहे फैमिली पार्टियां हों या फिर कोई और सभी वंशवाद की राजनीति से कहीं न कहीं प्रेरित ही नजर आती है. वंशवाद की राजनीति से कोई भी पार्टियां इनकार नहीं कर सकती है. क्योंकि अधिकतर राजनेताओँ के घरों से कोई न कोई उनकी राजनीतिक विरासत को बचाने वाला है.
बता दें कि मंगलवार को अमेरिका में बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में छात्रों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा वंशवाद को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि मुल्क का ज़्यादातर हिस्सा इसी तरह चलता है. भारत इसी तरह काम करता है. साथ ही उन्होंने प्रसिद्ध परिवारों में जन्मे भारतीय नेताओँ का जिक्र भी किया था.
वहीं, बॉलीवुड में वंशवाद पर बहस ने उस समय एक और नया मोड़ ले लिया था, जब करण जौहर और अभिनेता सैफ अली खान और वरुण धवन ने अमरीका में आयोजित आईफा फिल्म पुरस्कार समारोह में कंगना का जमकर मजाक उड़ाया था और भाई-भतीजावाद के नारे लगाए थे. उसके बाद वंशवाद पर कंगना ने जमकर प्रहार किया था.