नई दिल्ली. जदयू के बागी नेता और राज्यसभा सांसद शरद यादव को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने मंगलावर को शरद यादव की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने जदयू के सिंबल पर दावा पेश किया था.
चुनाव आयोग के इस फैसले के साथ अब ये साफ हो गया है कि नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली ही जदयू ही असली जदयू है. बता दें कि जदयू के शरद गुट ने बीते 25 अगस्त को पार्टी सिंबल पर अपना दावा पेश किया था. लेकिन, शरद यादव चुनाव आयोग में अपने दावे के पक्ष में अपेक्षित कागजात उपलब्ध नहीं करा सके.
बताया जा रहा है कि इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा सचिवालय ने शरद यादव एवं अली अनवर अंसारी से उनकी पार्टी की इस याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है कि उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाए.
बता दें कि इससे पहले नीतीश की जदयू की तरफ से चुनाव आयोग पार्टी से संबंधित दस्तावेजी सबूत दाखिल किए गये. चुनाव आयोग को जो शपथ पत्र दिये गेय, उनमें सबकी सहमति दिखी.
बता दें कि नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद शरद यादव ने लालू के साथ पटना में मंच साझा किया था और इसके बाद नीतीश वाली जदयू ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से उन्हें एवं अंसारी को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था.