पटना : भागलपुर सृजन घोटाला मामले में आरोपों का सामना कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अभी तक ऐसा कोई टकसाल नहीं है जो उन्हें खरीद सके.
नीतीश कुमार ने गुरुवार की शाम को जेडीयू विधान मंडल दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 700 करोड़ से ऊपर के सृजन घोटाले मामले में किसी भी तरह की भागीदारी से साफ इनकार किया है.
उन्होंने कहा है कि उनकी इसमें कोई भागीदारी नहीं है और उन्होंने ही इस मामले को सामने लाया और आर्थिक इकाई को केस की जांच सौंपी है. नीतीश कुमार ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अभी तक ऐसा कोई टकसाल नहीं बना है जो उन्हें खरीद सके.
बिहार के सीएम ने कहा कि जब उन्होंने इस घोटाले में बैंकों की भूमिका पाई तो जांच का जिम्मा सीबीआई को दे दिया. उन्होंने बताया कि सीबीआई अगले दो दिनों में इस केस की जांच शुरू कर देगी.
नीतीश ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए कहा कि लोग हताशा में ये आरोप लगा रहे हैं, लेकिन इन आरोपों में कोई दम नहीं है. बता दें कि लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर करप्शन के आरोप लगाए हैं.
लालू ने ट्वीट करते हुए नीतीश पर निशाना साधा. लालू ने कहा कि नीतीश कहते थे कि “मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन बीजेपी में नहीं जाऊंगा” लेकिन आज उन्ही के साथ चोर दरवाज़े से घुसकर बिहार में सरकार चला रहे है. उन्होंने आगे ट्वीट करते हुए लिखा कि 27अगस्त की महारैली में बिहार की न्यायप्रिय जनता एक-एक मुठ्ठी मिट्टी लेकर पटना आएगी ताकि नीतीश बीजेपी के साथ जाने पर उसी मिट्टी में मिल जाये.
गौरलतब है कि इस घोटाले ने सीएम नीतीश कुमार के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. उन्होंने लालू यादव और उनके परिवार पर रेलवे टेंडर घोटाले के आरोपों के आधार पर ही ये कहकर महागठबंधन तोड़ा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी पार्टी की जीरो टॉलरेंस की नीति है.