पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने जेडीयू अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पूछा है कि जब नई सरकार में शामिल 75 परसेंट दागी मंत्रियों से उनको परहेज नहीं है तो उनके साथ सरकार चलाने में क्या दिक्कत थी.
तेजस्वी ने नीतीश सरकार में 75 परसेंट मंत्रियों के दागी होने की रिपोर्ट का हवाला देते हुए नीतीश से सवाल किया कि इन दागियों के साथ सरकार चलाने में सुशासन बाबू सहज हैं तो उनके साथ बैठने में क्या दिक्कत थी. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश ने जिस तरह उनसे इस्तीफा मांगा, उसी तरह उनको भ्रष्टाचार के आरोपी तमाम मंत्रियों से इस्तीफा मांगना चाहिए.
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव में हारे लोगों को नीतीश सरकार में मंत्री बनाया जा रहा है. उन्होंने नीतीश से पूछा कि क्या वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहेंगे कि पनामा पेपर लीक में जिन बीजेपी नेताओं का नाम आया है, उन सब पर वो एक्शन लें.
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जब वो विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार के विश्वासमत प्रस्ताव के खिलाफ बोल रहे थे तो उसका प्रसारण रोक दिया गया ताकि नीतीश कुमार की सच्चाई जनता को नहीं पता चल सके.
तेजस्वी ने कहा कि महात्मा गांधी के हे राम से चलकर पलटूराम नीतीश कुमार अब जय श्रीराम पर पहुंच गए हैं इसलिए अगली बार जब वो वोट मांगने लोगों के बीच जाएंगे तो जनता भी उनको उनकी भाषा में राम-राम कहकर जवाब देगी.
तेजस्वी ने कहा कि उनका मामला तो बस बहाना था क्योंकि नीतीश कुमार की बीजेपी से बहुत पहले डील हो गई थी. उन्होंने कहा कि नीतीश की मौकापरस्ती और सेकुलर वोटरों के साथ धोखाधड़ी को सामने लाने के लिए वो 15 अगस्त को चंपारण से बिहार के चप्पे-चप्पे के दौरे की शुरुआत करेंगे.
तेजस्वी ने कहा कि देश में जो राजनीतिक हालात हैं उसमें देश के तमाम मंडलवादी ताकतों और नेताओं को एक साथ आने की जरूरत है. एक सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि वो और उनके पापा लालू यादव जेडीयू के संस्थापक अध्यक्ष शरद यादव के संपर्क में हैं जो नीतीश के बीजेपी के साथ जाने से नाराज हैं.